सड़क सुरक्षा पर सीएम योगी सख्त, हर तीन माह में होगी बस चालकों की फिटनेस जांच

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सड़क सुरक्षा को प्रदेश के लिए सबसे बड़ी चुनौती बताते हुए कहा कि इस मामले में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि बस चालकों की फिटनेस की हर तीन महीने में जांच होनी चाहिए और समय-समय पर उनकी आंखों की भी जांच कराई जाए।

मुख्यमंत्री ने परिवहन विभाग को आईआईटी खड़गपुर के सहयोग से आधुनिक तकनीक का उपयोग कर सड़क सुरक्षा मजबूत बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रयास यह होना चाहिए कि उत्तर प्रदेश में सड़क हादसों की संख्या राष्ट्रीय औसत से भी कम हो। अधिकारियों से उन्होंने अपील की कि वे खुद सड़क पर उतरकर जनता की समस्याओं को समझें। साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रदूषण नियंत्रण और भविष्य की आवश्यकता बताते हुए इनके अधिक उपयोग पर जोर दिया।

शनिवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में परिवहन विभाग के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कई नई पहल शुरू कीं। इनमें परिवहन विभाग की सेवाओं को कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के माध्यम से उपलब्ध कराने की शुरुआत, सीएससी और परिवहन निगम के बीच एमओयू, चार स्क्रैपिंग व चार ऑटोमैटिक टेस्टिंग सेंटर को प्रमाणपत्र वितरण शामिल रहा।

इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस की नई बुकलेट, हेल्पलाइन नंबर 149 और डिजिटल बस ट्रैकिंग ऐप भी लांच किए गए। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत नियुक्त महिला परिचालकों में से तीन को नियुक्ति पत्र सौंपे गए।

मुख्यमंत्री ने सात बस अड्डों का शिलान्यास और 25 बस अड्डों का लोकार्पण किया। साथ ही, आठ डबल डेकर इलेक्ट्रिक बसों, 16 इलेक्ट्रिक बसों, एक रेट्रोफिट इलेक्ट्रिक बस, 10 सीएनजी बसों, दो एसी बसों, 20 टाटा और 43 आईशर कंपनी की बसों समेत कुल 400 बीएस-6 बसों को हरी झंडी दिखाई। परिवहन विभाग की 11 इंटरसेप्टर गाड़ियां भी लॉन्च की गईं।

इस अवसर पर परिवहन मंत्री, प्रमुख सचिव अमित गुप्ता, परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह, एमडी मासूम अली सरवर सहित विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।

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