लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने पूर्व राज्यसभा सांसद अशोक सिद्धार्थ को पार्टी में वापस ले लिया है। हाल ही में सिद्धार्थ ने सोशल मीडिया पर पत्र जारी कर अपनी गलतियों के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगी थी और आगे अनुशासन का पालन करने का वादा किया था। इसके बाद पार्टी ने उनका निष्कासन वापस लेने का फैसला किया।
कुछ माह पहले मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद और उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में बसपा से बाहर कर दिया था। बाद में आकाश आनंद ने माफी मांगकर पार्टी में वापसी की और उन्हें राष्ट्रीय संयोजक की जिम्मेदारी भी दी गई। अब सिद्धार्थ ने भी इसी राह पर चलते हुए माफी मांगी है।
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि सिद्धार्थ ने अपनी गलती स्वीकार कर पछतावा जताया है और पार्टी आंदोलन को आगे बढ़ाने का भरोसा दिया है। पार्टी हित में उन्हें एक और मौका दिया गया है।
अशोक सिद्धार्थ का आश्वासन
फर्रुखाबाद निवासी सिद्धार्थ ने अपनी पोस्ट में लिखा कि पार्टी कार्यकाल में “अनजाने में हुई गलतियों” के लिए वे खेद व्यक्त करते हैं। उन्होंने साफ किया कि वह अब कभी किसी तरह की सिफारिश नहीं करेंगे और पूरी निष्ठा से पार्टी अनुशासन का पालन करेंगे।
पार्टी से निष्कासन का कारण
गौरतलब है कि 12 फरवरी को मायावती ने अशोक सिद्धार्थ पर आरोप लगाया था कि उन्होंने संगठन को दो गुटों में बांटने और कमजोर करने की कोशिश की। इसके बाद उन्हें निष्कासित कर दिया गया था।
अब माफी और आत्ममंथन के बाद बसपा सुप्रीमो ने उन्हें पुनः मौका दिया है और उम्मीद जताई है कि वह पूरे मन से पार्टी और आंदोलन को आगे बढ़ाने में योगदान देंगे।