श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर की हजरतबल दरगाह में ईद-ए-मिलाद के अवसर पर शुक्रवार को बड़ा विवाद खड़ा हो गया। दरगाह परिसर में लगाए गए अशोक स्तंभ वाले शिलापट्ट को कुछ लोगों ने तोड़ दिया। उनका कहना था कि धार्मिक स्थल पर ऐसे प्रतीक का होना उचित नहीं है। विरोध के दौरान जमकर नारेबाजी भी हुई। मामले के बाद पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और वीडियो के आधार पर अब तक 26 लोगों को हिरासत में लिया है।
कैसे शुरू हुआ विवाद
5 सितंबर को पैगंबर मोहम्मद के जन्मदिन पर हजरतबल दरगाह में सजावट की गई थी। इसी दौरान वहां लगाए गए शिलापट्ट पर उकेरे गए अशोक स्तंभ को लेकर आपत्ति जताई गई। नमाज के बाद लोग जमा हुए और पहले नारेबाजी की। इसके बाद भीड़ ने ईंट-पत्थरों से शिलापट्ट को क्षतिग्रस्त कर दिया। इस दौरान महिलाओं ने भी विरोध प्रदर्शन में भाग लिया।
पुलिस कार्रवाई और सुरक्षा व्यवस्था
शिलापट्ट विवाद का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। घटना के बाद दरगाह परिसर में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। अब तक 26 लोगों की गिरफ्तारी हुई है और पुलिस का कहना है कि जांच के बाद और भी गिरफ्तारी संभव है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
इस घटना ने राजनीतिक तकरार को भी जन्म दिया है। नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने दरगाह पर प्रतीक चिन्ह लगाए जाने पर सवाल उठाए और इसे अनावश्यक बताया। वहीं, उन्होंने तोड़फोड़ करने वालों पर कठोर कानून लगाने पर चिंता जताई।
राज्यपाल मनोज सिन्हा ने घटना की निंदा करते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया, हालांकि उन्होंने प्रतीक चिन्ह की स्थापना पर सीधे टिप्पणी नहीं की।
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और अन्य नेताओं ने वक्फ बोर्ड प्रमुख दरखशां अंद्राबी पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया। मुफ्ती ने इसे इस्लामी सिद्धांतों के खिलाफ बताते हुए ईशनिंदा करार दिया।