उत्तर प्रदेश में एक्सरे टेक्नीशियन भर्ती 2016 में बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा

उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में 2016 में हुई एक्सरे टेक्नीशियन भर्ती में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। अर्पित नाम पर छह लोगों को नौकरी देने के खुलासे के बाद अब अंकुर और अंकित के नाम पर भी कई फर्जी नियुक्तियों का पता चला है।

इस भर्ती में कुल 403 उम्मीदवारों का चयन हुआ था। अर्पित के नाम पर नियुक्त छह तकनीशियनों में से पांच लगातार वेतन ले रहे हैं। नई जांच में पता चला कि अंकुर पुत्र नीतू मिश्रा के नाम पर दो और अंकित सिंह के नाम पर छह लोग नियुक्ति पत्र प्राप्त कर चुके हैं। इनमें से कुछ लोग वर्तमान में विभिन्न जिलों में तैनात हैं।

जांच के दौरान यह भी सामने आया कि कुछ एक्सरे टेक्नीशियन अपने पदों पर मौजूद नहीं हैं। विभागीय सूत्रों के अनुसार, नियुक्ति पत्र की क्लोनिंग की संभावना है और इन व्यक्तियों के आधार प्रमाण भी फर्जी होने की आशंका है।

स्वास्थ्य विभाग ने फर्जी नियुक्तियों के पदों को रिक्त घोषित करने और नए कर्मचारियों को तैनात करने की तैयारी शुरू कर दी है। फर्जी एक्सरे टेक्नीशियनों ने लगभग नौ साल तक वेतन प्राप्त किया, जिससे अब विभाग को वेतन रिकवरी की चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।

इस मामले की जांच उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के निर्देश पर जिलों में गठित टीमों द्वारा की जा रही है। संबंधित मुख्य चिकित्साधिकारियों को महानिदेशालय में बुलाया गया है और चयनित कर्मचारियों के दस्तावेजों का नए सिरे से सत्यापन किया जा रहा है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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