टोक्यो। जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने रविवार को पद से इस्तीफा देने की घोषणा की। यह कदम उन्होंने सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) में बढ़ते असंतोष और संभावित विभाजन को टालने के लिए उठाया है।
जुलाई में हुए ऊपरी सदन के चुनावों में एलडीपी और उसके सहयोगी दल बहुमत हासिल करने में नाकाम रहे थे। गठबंधन को 50 सीटों की ज़रूरत थी, लेकिन उसे केवल 47 सीटें ही मिल सकीं। इससे इशिबा की पकड़ कमजोर हुई और पार्टी के भीतर नेतृत्व परिवर्तन की मांगें तेज हो गईं।
इससे पहले, पिछले साल अक्टूबर में हुए निचले सदन के चुनाव में भी एलडीपी को पिछले 15 वर्षों का सबसे खराब नतीजा झेलना पड़ा था। लगातार चुनावी हार और विपक्ष के हमलों के बीच सरकार अस्थिर हो गई थी।
हालाँकि इशिबा ने अमेरिका के साथ चल रही टैरिफ वार्ता को देखते हुए पद पर बने रहने की दलील दी थी। हाल ही में अमेरिका ने जापानी निर्यात पर टैरिफ को 25% से घटाकर 15% कर दिया, जिसे टोक्यो के लिए राहत माना जा रहा है। इसके बावजूद पार्टी में उनकी नेतृत्व क्षमता को लेकर सवाल उठते रहे और आखिरकार उन्होंने पद छोड़ने का फैसला किया।