बंगाल में शिक्षक भर्ती परीक्षा बनी राजनीतिक जंग का नया मुद्दा

पश्चिम बंगाल में आयोजित स्कूल स्तर की चयन परीक्षा में बड़ी संख्या में बाहरी राज्यों के अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया। बिहार, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों से आए 31,000 से अधिक उम्मीदवार इस परीक्षा में बैठे। इसके बाद राजनीतिक विवाद तेज हो गया। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी शासित राज्यों में बेरोजगारी तेजी से बढ़ रही है।

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कलकत्ता हाईकोर्ट के 2024 के उस फैसले को बरकरार रखा, जिसमें 2016 में पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (WBSSC) द्वारा नियुक्त शिक्षकों की भर्ती को रद्द कर दिया गया था। इस फैसले के बाद बीजेपी लगातार टीएमसी सरकार पर भर्ती प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर हमला कर रही है। विधानसभा चुनाव से पहले यह मुद्दा और भी गर्माता जा रहा है।

टीएमसी का पलटवार

जैसे ही अन्य राज्यों के हजारों अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए, टीएमसी ने इसे बीजेपी पर हमला बोलने का मौका बना लिया। पार्टी ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि यूपी में छात्रों को रोजगार के बजाय पुलिस की लाठियां और बेरोजगारी की लंबी कतारें मिल रही हैं। टीएमसी ने एक वीडियो भी साझा किया, जिसमें यूपी का एक अभ्यर्थी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रोजगार नीति पर सवाल उठा रहा है। पार्टी ने तंज कसते हुए कहा, “बीजेपी का डबल इंजन—एक इंजन घरों को बुलडोजर से गिराता है, दूसरा युवाओं के सपनों को।”

टीएमसी नेता कुणाल घोष ने साफ किया कि परीक्षा में शामिल होने से बाहरी उम्मीदवारों को रोका नहीं गया था। उन्होंने कहा कि ऐसा कभी नियम नहीं रहा कि केवल बंगाल के निवासी ही इन पदों के लिए परीक्षा दें।

परीक्षा की स्थिति

इस बार लगभग 3.19 लाख अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया था, जिनमें से 91% से ज्यादा उम्मीदवार राज्यभर के 636 केंद्रों पर परीक्षा में शामिल हुए। यह परीक्षा WBSSC के तहत कक्षा 9वीं और 10वीं के लिए शिक्षकों की 23,212 रिक्तियों को भरने के लिए करवाई गई। वहीं, 14 सितंबर को कक्षा 11वीं और 12वीं के लिए 12,514 पदों पर भर्ती की परीक्षा आयोजित होगी, जिसमें 2.46 लाख से अधिक उम्मीदवार 478 केंद्रों पर शामिल होंगे।

WBSSC के अध्यक्ष सिद्धार्थ मजूमदार ने कहा कि राज्य प्रशासन के सहयोग से परीक्षा शांतिपूर्वक और पारदर्शिता के साथ करवाई गई। सभी केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा रही और अभ्यर्थियों को प्रश्नपत्र घर ले जाने की अनुमति दी गई।

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