नई दिल्ली। राजधानी के सराय काले खां आईएसबीटी से लापता हुए 6 महीने के बच्चे को दिल्ली पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने महज 48 घंटे के भीतर आगरा से सुरक्षित बरामद कर लिया। इस कार्रवाई में पुलिस ने बच्चे की तस्करी में शामिल एक संगठित गिरोह का पर्दाफाश करते हुए अब तक 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। SIT ने न केवल लापता शिशु को बचाया, बल्कि जांच के दौरान पांच अन्य बच्चों को भी विभिन्न स्थानों से छुड़ाया।
घटना 22 अगस्त की है, जब शिकायतकर्ता सुरेश, जो बांदा (उत्तर प्रदेश) का निवासी है, अपने परिवार के साथ सराय काले खां आईएसबीटी में ठहरा हुआ था। रात लगभग 11 बजे जब परिवार सो रहा था, तभी उनका 6 माह का बेटा अचानक गायब हो गया। इसकी सूचना तुरंत पुलिस को दी गई और मामले की गंभीरता को देखते हुए SIT का गठन किया गया।
CCTV फुटेज ने खोला राज
जांच के दौरान पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों की पड़ताल की, जिसमें दो संदिग्ध बच्चे को ले जाते हुए दिखाई दिए। सुराग मिलते ही SIT ने आरोपी वीरभान को गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने खुलासा किया कि आगरा निवासी रामबाबू ने उसे बच्चे को बेचने के लिए लाने का काम सौंपा था। आरोपी ने यह भी बताया कि अपहरण में उसका ससुर कालीचरण भी शामिल था।
डॉक्टर भी शामिल निकला
जांच में सामने आया कि बच्चा आगरा के केके हॉस्पिटल के मालिक डॉ. कमलेश कुमार को सौंपा गया था। डॉक्टर तक पहुंचने के लिए पुलिस टीम ने चालाकी से योजना बनाई। इंस्पेक्टर डागर ने खुद को हृदय रोगी बताकर अस्पताल में दाखिल कराया और अन्य पुलिसकर्मी तीमारदार बने। जब डॉक्टर इलाज के लिए अपने कक्ष में आए, तभी टीम ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
गिरोह का नेटवर्क कई राज्यों में फैला
इस गिरोह का संचालन डॉ. कमलेश समेत कई लोगों द्वारा किया जा रहा था। पूछताछ में पता चला कि वे जरूरतमंद दंपतियों को बच्चों को 3 से 5 लाख रुपये में बेचते थे। गिरफ्तार आरोपियों में वीरभान, निखिल कुमार, कालीचरण, प्रीति शर्मा, कृष्णा शर्मा, ज्योत्सना, सुंदर सिंह, डॉक्टर कमलेश, रिचु त्रिपाठी और रचिता अग्रवाल शामिल हैं।
डीसीपी ऐश्वर्या शर्मा ने जानकारी दी कि पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए न केवल लापता बच्चे को सुरक्षित पाया बल्कि गिरोह के नेटवर्क का भी खुलासा कर अन्य बच्चों को भी बचाया गया।