अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर चल रहे भव्य राम मंदिर निर्माण की रफ्तार को देखते हुए निर्माण कंपनियों एल एंड टी और टाटा कंसल्टेंसी का कार्यकाल बढ़ा दिया गया है। अब दोनों कंपनियां मार्च 2026 तक अपना कार्य करेंगी, जबकि पहले की समयसीमा सितंबर 2025 तय की गई थी।
राम मंदिर भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि मंदिर के शिखर पर पताका फहराने की संभावित तिथि 25 नवंबर रखी गई है। इस पर आज होने वाली भवन निर्माण समिति और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक में औपचारिक निर्णय लिया जाएगा। अब तक मंदिर निर्माण पर करीब 1400 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, जिनमें से 1100 करोड़ रुपये का भुगतान हो चुका है।
सुरक्षा और म्यूजियम की तैयारी
मंदिर परिसर में प्रस्तावित म्यूजियम की 20 गैलरियों पर लगभग 200 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इन गैलरियों में रामायण काल से लेकर राम मंदिर आंदोलन तक की ऐतिहासिक झलकियां प्रस्तुत की जाएंगी। वहीं, सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए अत्याधुनिक उपकरण खरीदे जा चुके हैं और इन्हें स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। इन इंतजामों का उद्देश्य देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को पूर्ण सुरक्षा प्रदान करना है।