नेपाल में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ जेन-जी की अगुवाई में शुरू हुआ आंदोलन अब हिंसक रूप ले चुका है। भारत-नेपाल सीमा से सटे कैलाली जिले के धनगढ़ी में मंगलवार को हजारों युवाओं ने मुख्यमंत्री कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की। भीड़ ने कार्यालय में घुसकर मुख्यमंत्री व मंत्रियों की गाड़ियों में तोड़फोड़ की। वहीं, विदेश मंत्री डॉ. आरजू राणा देउवा और पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउवा के घरों के बाहर भी आगजनी की गई। हालात बिगड़ने पर प्रशासन ने धनगढ़ी में कर्फ्यू लगा दिया।
प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री केपी ओली और सुदूर पश्चिम प्रदेश के मुख्यमंत्री कमल बहादुर शाह पर जनता की आवाज दबाने का आरोप लगाते हुए जमकर विरोध किया। गुस्साई भीड़ ने मुख्यमंत्री कार्यालय में मौजूद वाहनों के शीशे चकनाचूर कर दिए। स्थिति नियंत्रण से बाहर होने पर पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया, जिसके बाद आंदोलनकारी शहर के बाजारों में फैल गए और वहां भी प्रदर्शन जारी रखा।
सोमवार को भी UML और नेपाली कांग्रेस पार्टी के कार्यालयों में आगजनी की घटनाएं हुई थीं। मंगलवार को हालात इतने बिगड़े कि धनगढ़ी में बाजार, पेट्रोल पंप, बैंक और परिवहन पूरी तरह ठप हो गया। सार्वजनिक व निजी वाहनों के न चलने से बस अड्डे पर यात्रियों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी।
हिंसा राज्यपाल कार्यालय तक भी पहुंच गई, जहां प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ कर महत्वपूर्ण दस्तावेजों को आग के हवाले कर दिया। प्रदेश सभा सचिवालय को भी नुकसान पहुंचाया गया।
सीमा पर सुरक्षा सख्त
नेपाल में हिंसक प्रदर्शनों को देखते हुए भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह सतर्क हो गई हैं। लखीमपुर खीरी जिले के गौरीफंटा बॉर्डर पर एसएसबी और पुलिस ने जांच अभियान तेज कर दिया है। बिना पहचान पत्र के किसी को सीमा पार करने की अनुमति नहीं दी जा रही है। वाहनों और यात्रियों की सघन चेकिंग हो रही है।
एसएसबी के अधिकारियों के अनुसार, नेपाल से लौटने वाले नागरिकों की कड़ी जांच के बाद ही प्रवेश दिया जा रहा है। वहीं, मालवाहक वाहनों को सुरक्षा कारणों से अस्थायी रूप से रोका गया है। सीमा की स्थिति पर नज़र रखने के लिए पुलिस-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद हैं और अतिरिक्त बल की तैनाती कर दी गई है।