नेपाल में हिंसा से जूझते भारतीय पर्यटक ने बताई आपबीती, होटल जला और जान बचाई

नेपाल में जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच एक भारतीय पर्यटक को जान का खतरा सामना करना पड़ा। उन्होंने सोशल मीडिया पर बताया कि जिस होटल में वह ठहरी थी, उसे आग लगा दी गई। स्पा से लौटते समय भीड़ उन्हें लाठियों के साथ पीछा कर रही थी, जिससे वे मुश्किल से अपनी जान बचा सकीं। उन्होंने भारत सरकार से तत्काल मदद की गुहार लगाई।

उपासना गिल, जो नेपाल में वॉलीबाल लीग में भाग लेने आई थीं, ने वीडियो में बताया कि पोखरा का उनका होटल पूरी तरह जलकर खाक हो गया और उनका सारा सामान नष्ट हो गया। उन्होंने कहा कि सड़कों पर आग और तोड़फोड़ हो रही है, और प्रदर्शनकारी पर्यटकों की कोई परवाह नहीं कर रहे। उन्होंने भारतीय दूतावास से मदद की अपील की और stranded नागरिकों के लिए जल्द कार्रवाई की मांग की।

भारतीय दूतावास की सलाह
काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास ने सभी भारतीय नागरिकों के लिए आपातकालीन नंबर जारी किए हैं: +977-9808602881 और +977-9810326134। विदेश मंत्रालय ने नागरिकों को सतर्क रहने और नेपाली अधिकारियों के निर्देशों का पालन करने की सलाह दी है।

प्रदर्शनों का कारण
जेन-जी आंदोलन 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर रोक के बाद सोमवार को शुरू हुआ। पाबंदी हटने के बावजूद प्रदर्शन मंगलवार को और उग्र हो गया। काठमांडू में कर्फ्यू और सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद प्रदर्शनकारियों ने सिंह दरबार, संसद, सुप्रीम कोर्ट, विशेष अदालतें, राष्ट्रपति आवास, शीर्ष नेताओं के घर और विभिन्न दलों के दफ्तरों में आगजनी और तोड़फोड़ की। सिंह दरबार पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया, जिसमें प्रधानमंत्री और मंत्रियों के कार्यालय शामिल हैं। पीएम ओली के बालकोट और जनकपुर स्थित निजी घर, पूर्व पीएम पुष्प कमल दहल प्रचंड, संचार मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग, पूर्व गृह मंत्री रमेश लेखक, ऊर्जा मंत्री दीपक खड़का और कांग्रेस महासचिव गगन थापा के निवास को भी निशाना बनाया गया। अब तक हिंसा में कम से कम 25 लोगों की मौत हो चुकी है।

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