केंद्रीय कैबिनेट ने बिहार में बक्सर-भागलपुर हाई-स्पीड कॉरिडोर के मोकामा-मुंगेर खंड (4-लेन, ग्रीनफील्ड, एक्सेस-कंट्रोल) को हाइब्रिड एन्युइटी मोड (HAM) पर बनाने की मंजूरी दी है। इस खंड की कुल लंबाई 82.4 किलोमीटर है और लागत 4,447.38 करोड़ रुपये आंकी गई है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह परियोजना बक्सर से भागलपुर तक कॉरिडोर का अहम हिस्सा है। बक्सर से पटना तक पहले से अच्छा नेटवर्क है, जबकि पटना से फतुहा और फतुहा से बेगूसराय तक का काम लगभग पूरा हो चुका है। नए मंजूर खंड में मोकामा से मुंगेर तक 82 किलोमीटर का निर्माण शामिल है, और आगे मुंगेर से भागलपुर तक भी काम किया जाएगा।
अश्विनी वैष्णव ने यह भी बताया कि स्वतंत्रता के बाद रेलवे कार्गो का हिस्सा घटकर 27% तक आ गया था, जो अब बढ़कर 29% पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के तीसरे कार्यकाल में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का कुल निवेश लगभग 11 लाख करोड़ रुपये का है। ये परियोजनाएं क्षेत्र में तेजी से काम कर रही हैं, रोजगार पैदा कर रही हैं और लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रही हैं।
इसके अलावा, कैबिनेट ने बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में भागलपुर-दुमका-रामपुरहाट रेलवे खंड (177 किलोमीटर) के डबलिंग की भी मंजूरी दी है। इसकी कुल लागत 3,169 करोड़ रुपये है। यह परियोजना तीनों राज्यों को जोड़ने वाली अहम कड़ी साबित होगी। डबलिंग के बाद भागलपुर से दुमका और रामपुरहाट तक कई ट्रेनें सीधे चल सकेंगी, जिनमें पैसेंजर और मेल एक्सप्रेस ट्रेनें शामिल हैं। परियोजना देवघर जैसे तीर्थ स्थानों को भी जोड़कर दक्षिण बिहार की कोलकाता से कनेक्टिविटी को मजबूत करेगी।