नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को अपने संसदीय क्षेत्र के दौरे के पहले दिन ही विरोध का सामना करना पड़ा। प्रदेश के राज्यमंत्री दिनेश प्रताप सिंह और उनके समर्थक कार्यकर्ता हाईवे पर धरने पर बैठ गए और राहुल गांधी के खिलाफ नारेबाजी की। कार्यकर्ताओं ने “राहुल वापस जाओ” और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां के खिलाफ की गई टिप्पणी पर नाराजगी जताई। इस दौरान पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच करीब आधे घंटे तक तनावपूर्ण स्थिति बनी और राहुल का काफिला कुछ समय के लिए हाईवे पर रुका रहा।
राहुल गांधी लखनऊ एयरपोर्ट से रायबरेली जा रहे थे। हाईवे पर गुलूपुर गांव के पास राज्यमंत्री और कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए, झंडे और बैनर दिखाए। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मौके पर पहुंचकर कार्यकर्ताओं को हाईवे से हटाया। इस दौरान हल्की धक्कामुक्की भी हुई। पुलिस अधिकारियों ने बाद में सभी को समझाकर शांत कराया। राज्यमंत्री ने कहा कि राहुल गांधी देश की माताओं से माफी मांगे।
यह पहली बार है जब राहुल गांधी के काफिले की सुरक्षा में इस तरह का रोड़ा आया। इस घटना ने कांग्रेस में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है। पुलिस ने स्पष्ट किया कि किसी तरह की सुरक्षा चूक नहीं हुई और हाईवे पर धरने के दौरान कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई।
राहुल गांधी ने इस दौरान ऊंचाहार पहुंचकर बूथ अध्यक्षों से मुलाकात की और उन्हें चुनाव में समर्थन देने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं के बल पर ही कांग्रेस आगे बढ़ रही है और उन्होंने वोट चोरी और चुनाव आयोग की कथित मिलीभगत पर भी अपने विचार साझा किए। राहुल ने कहा कि संविधान और नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिए वे हर संभव प्रयास करेंगे।