फिरोजाबाद में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत करीब 71 लाख रुपये की सब्सिडी हेराफेरी का मामला सामने आया है। थाना उत्तर पुलिस ने इस घोटाले में यूको बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक, फील्ड ऑफिसर, उद्योग विभाग के सेवानिवृत्त लिपिक सहित छह लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। यह कार्रवाई सहायक आयुक्त उद्योग की ओर से दी गई तहरीर के आधार पर हुई।
जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के लाभार्थियों को मिलने वाली सब्सिडी को विभागीय और बैंक अधिकारियों ने मिलीभगत कर कूटरचित दस्तावेजों के जरिये फर्जी खातों में ट्रांसफर करा दिया। इस तरह लगभग 71 लाख रुपये की रकम गलत तरीके से निकाल ली गई।
जिलाधिकारी रमेश रंजन ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए उपायुक्त उद्योग को कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इसके बाद बुधवार को सहायक आयुक्त उद्योग गणेश चंद्र ने थाना उत्तर पुलिस को लिखित शिकायत दी।
तहरीर के आधार पर पुलिस ने यूको बैंक के तत्कालीन फील्ड ऑफिसर धीरेंद्र प्रताप सिंह, शाखा प्रबंधक प्रवेंद्र कुमार, रिकवरी एजेंट सौरभ गुप्ता और उसके साथी दीपांशु तिवारी, उद्योग विभाग के सेवानिवृत्त प्रधान सहायक राजेश कुमार सक्सेना तथा एक निजी कर्मचारी राजेश कुमार के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
थाना प्रभारी संजुल पांडेय ने बताया कि सहायक आयुक्त उद्योग की शिकायत पर मुकदमा दर्ज हुआ है। आरोपियों में दो बैंककर्मी, दो रिकवरी एजेंट, एक रिटायर्ड लिपिक और एक निजी कर्मचारी शामिल हैं।
बैंक एजेंटों की साठगांठ का खुलासा
सूत्रों के मुताबिक, सौरभ गुप्ता यूको बैंक में रिकवरी एजेंट के तौर पर कार्यरत था। उसने अपने सहयोगी दीपांशु तिवारी के साथ शहर की कई बैंकों में नेटवर्क बना लिया था। आरोप है कि दोनों मिलकर विभागीय योजनाओं में ऋण स्वीकृति कराने के नाम पर आवेदकों से भारी रकम वसूलते थे।