अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूटा वैली विश्वविद्यालय में मारे गए अपने सहयोगी और युवा नेता चार्ली किर्क को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि किर्क ने सच्चाई की राह में अपनी जान कुर्बान की। ट्रंप ने आरोप लगाया कि कट्टरपंथी वामपंथियों की बयानबाजी ने इस तरह की राजनीतिक हिंसा को जन्म दिया है। उन्होंने चेतावनी दी कि दोषियों को किसी भी हाल में छोड़ा नहीं जाएगा।
‘राजनीतिक हिंसा से निर्दोषों की जान जा रही’
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर जारी वीडियो संदेश में कहा कि वर्षों से वामपंथी समूह चार्ली जैसे देशभक्त अमेरिकियों को नाजियों और अपराधियों से जोड़ते रहे हैं। उन्होंने याद दिलाया कि पिछले साल पेंसिल्वेनिया के बटलर में उन पर हमला हुआ था। इसी तरह आईसीई एजेंटों, स्वास्थ्य सेवा अधिकारियों और कांग्रेस के नेता स्टीव स्कैलिस समेत कई लोगों पर हमले किए गए, जिनमें कई निर्दोषों की जान चली गई।
‘अमेरिका के लिए काला अध्याय’
ट्रंप ने कहा कि आतंकवादी हिंसा फैलाने में वामपंथी विचारधारा की भूमिका साफ दिखाई देती है और इसे तुरंत रोका जाना चाहिए। उन्होंने ऐलान किया कि उनका प्रशासन उन सभी संगठनों और व्यक्तियों तक पहुंचेगा, जो राजनीतिक हिंसा को बढ़ावा देते हैं या उसका समर्थन करते हैं। किर्क की हत्या को उन्होंने अमेरिका के लिए एक “जघन्य और अंधकारमय क्षण” बताया।
क्या है पूरा मामला?
गौरतलब है कि चार्ली किर्क ने युवा मतदाताओं के बीच ट्रंप का समर्थन मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई थी। बुधवार को यूटा वैली यूनिवर्सिटी में भाषण के दौरान उन पर गोली चलाई गई, जिससे उनकी मौत हो गई। चश्मदीदों के अनुसार, हमलावर काले कपड़े पहने था और विश्वविद्यालय की एक इमारत की छत से गोली दागी गई। फिलहाल, आरोपी फरार है और जांच एजेंसियां उसकी तलाश में जुटी हैं।