हिमाचल प्रदेश में हाल ही हुई भारी बारिश ने राज्य के कई जिलों में तबाही मचा दी है। भूस्खलन और बाढ़ के कारण तीन राष्ट्रीय राजमार्गों सहित लगभग 577 सड़कें वाहनों के लिए बंद हैं। मौसम विभाग ने इस सप्ताह के अंत में राज्य के अलग-अलग हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है और लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। चंबा, कांगड़ा और मंडी जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
बंद राष्ट्रीय राजमार्गों में अटारी-लेह मार्ग (एनएच 3), औट-सैंज मार्ग (एनएच 305) और अमृतसर-भोटा मार्ग (एनएच 503ए) शामिल हैं। कुल्लू में 213 और मंडी में 154 सड़कें बंद हैं।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) के अनुसार, बाढ़ और भूस्खलन के कारण लगभग 812 ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त हुए हैं और 369 जलापूर्ति योजनाएं बाधित हुई हैं। सड़कें बंद होने से परिवहन निगम को प्रतिदिन लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है, और लोगों को आवागमन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
20 जून को मानसून की शुरुआत के बाद राज्य में अब तक 380 लोगों की मौत हुई है। इनमें 48 भूस्खलन, 17 बादल फटने, 11 बाढ़ और 165 सड़क दुर्घटनाओं में हुई मौतें शामिल हैं। इसके अलावा, 40 लोग अभी भी लापता हैं। भारी बारिश-बाढ़ और भूस्खलन से राज्य को कुल 4,306 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
राज्य में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हुई। बुधवार शाम से मुरारी देवी में 63 मिमी, भरेरी में 62.8 मिमी, स्लैपर में 54.4 मिमी, बग्गी में 36.5 मिमी, कांगड़ा में 36 मिमी, नैना देवी में 42.6 मिमी, पालमपुर में 36 मिमी, सुंदरनगर में 33.9 मिमी, मंडी में 27 मिमी और गोहर में 25 मिमी बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग ने अगले शुक्रवार से रविवार तक चार से छह जिलों के लिए भारी बारिश की संभावना जताई है और येलो अलर्ट जारी किया है।