राष्ट्रीय राजधानी में शराब बिक्री को लेकर नई नीति पर चर्चा तेज हो गई है। हाल ही में हुई उच्चस्तरीय बैठक में दुकानों के संचालन के लिए हाइब्रिड मॉडल (सरकारी और निजी दोनों वेंडर) अपनाने पर विचार किया गया। फिलहाल दिल्ली में केवल सरकारी दुकानों से ही शराब बेची जाती है।
प्रीमियम ब्रांड्स की उपलब्धता पर फोकस
पिछली आम आदमी पार्टी सरकार ने 2022 में प्राइवेट लाइसेंस रद्द कर दिए थे, जिसके बाद विवाद और सीबीआई-ईडी की जांच सामने आई। इससे पहले हाइब्रिड मॉडल लागू था, जिसे अब भाजपा सरकार दोबारा लाने की संभावना पर विचार कर रही है। कमेटी नेशनल और इंटरनेशनल प्रीमियम ब्रांड्स की उपलब्धता सुनिश्चित करने के विकल्प तलाश रही है। फिलहाल कई ब्रांड्स दिल्ली में या तो उपलब्ध नहीं हैं या उनकी सप्लाई बेहद सीमित है, जिसके कारण उपभोक्ता हरियाणा और यूपी जैसे पड़ोसी राज्यों का रुख कर रहे हैं।
बीयर पीने की उम्र घटाने का प्रस्ताव
बैठक में दिल्ली सरकार ने बीयर पीने की कानूनी उम्र 25 से घटाकर 21 वर्ष करने पर भी चर्चा की, ताकि इसे नोएडा, गुरुग्राम, गाजियाबाद और फरीदाबाद जैसे पड़ोसी शहरों के बराबर लाया जा सके। अधिकारियों का मानना है कि उम्र सीमा समान करने से ब्लैक मार्केट और अवैध शराब की बिक्री पर अंकुश लगेगा और राज्य का राजस्व भी बढ़ेगा।
कमेटी की पहली बैठक
यह विचार-विमर्श आबकारी नीति की समीक्षा के तहत हुआ। बैठक की अध्यक्षता लोक निर्माण मंत्री प्रवेश वर्मा ने की। इसमें उद्योग मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा, गृह मंत्री आशीष सूद और आबकारी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। समिति ने नीति में कई संरचनात्मक बदलावों पर सुझाव रखे।