नेपाल में युवा प्रदर्शनकारियों के हिंसक प्रदर्शनों के कारण उत्पन्न राजनीतिक संकट के बीच शुक्रवार को पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम सरकार की कमान सौंपी गई। राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने उन्हें राष्ट्रपति भवन शीतल निवास में शपथ दिलाई। इससे पहले नेपाल की संसद को भंग कर दिया गया था।
सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला अंतरिम प्रधानमंत्री बन गई हैं। शपथ ग्रहण समारोह में उपराष्ट्रपति रामसहाय यादव, काठमांडू के मेयर बालेन शाह और मुख्य न्यायाधीश प्रकाश सिंह रावत भी मौजूद रहे। उम्मीद की जा रही है कि उनकी अंतरिम कैबिनेट आज रात पहली बैठक करेगी।
शपथ ग्रहण से पहले राष्ट्रपति पौडेल और सेना प्रमुख जनरल अशोक राज की मौजूदगी में ‘जनरेशन-जी’ के नेताओं ने बैठक की और सुशीला कार्की को अंतरिम सरकार का नेतृत्व देने पर सहमति बनी।
सुशीला कार्की कौन हैं?
सुशीला कार्की का जन्म 7 जून 1952 को विराटनगर में हुआ। उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में पोस्ट ग्रेजुएशन किया और त्रिभुवन विश्वविद्यालय, नेपाल से कानून की पढ़ाई पूरी की। वह नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रह चुकी हैं और सुप्रीम कोर्ट में कई ऐतिहासिक मामलों, जिनमें चुनावी विवाद भी शामिल हैं, की सुनवाई कर चुकी हैं।
हिंसक प्रदर्शन और मौतें
नेपाल में हाल में हुए ‘जेन जेड’ प्रदर्शनों में कम से कम 51 लोग मारे गए, जिनमें एक भारतीय नागरिक, तीन पुलिसकर्मी और अन्य नेपाली शामिल हैं। इनमें से 36 शव महाराजगंज स्थित त्रिभुवन विश्वविद्यालय शिक्षण अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के लिए रखे गए।
सोमवार को काठमांडू में हुए प्रदर्शन के दौरान पुलिस गोलीबारी में 19 लोग मारे गए। इसके बाद प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया। इसके बावजूद हिंसा जारी रही और प्रदर्शनकारियों ने संसद, राष्ट्रपति कार्यालय, प्रधानमंत्री आवास, सरकारी भवनों और राजनीतिक नेताओं के घरों में आग लगाई।
पुलिस के अनुसार, प्रदर्शनों में लगभग 1,700 लोग घायल हुए, जिनमें से लगभग 1,000 घर लौट चुके हैं। नेपाल पुलिस धीरे-धीरे काठमांडू घाटी में अपने अभियान को फिर से शुरू कर रही है और तोड़े गए थानों व चौकियों में काम बहाल किया जा रहा है।