ओडिशा के संबलपुर में बामड़ा तहसील के अधिकारी अश्विनी कुमार पंडा को भ्रष्टाचार निरोधक विभाग (विजिलेंस) की टीम ने शुक्रवार को घूस लेते हुए गिरफ्तार किया। आरोप है कि उन्होंने एक किसान से कृषि भूमि को आवासीय में बदलने के लिए म्यूटेशन केस में 20,000 रुपये की रिश्वत मांगी थी।
शिकायत मिलने पर विजिलेंस ने जाल बिछाया और तहसीलदार को उनके ड्राइवर पी. प्रवीण कुमार के माध्यम से 15,000 रुपये लेते हुए पकड़ लिया। दोनों को हिरासत में लिया गया और पूरी रकम जब्त की गई। 29 वर्षीय अश्विनी पंडा को पहले ओडिशा के होनहार अधिकारियों में गिना जाता था। उन्होंने बिना किसी कोचिंग के ओडिशा सिविल सेवा परीक्षा पास की थी और तहसीलदार बने थे।
अश्विनी पंडा का जन्म जाजपुर जिले के खेतरपाल गांव में हुआ। उन्होंने जनकल्याण हाई स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा पूरी की और रावेंशा यूनिवर्सिटी से विज्ञान विषय में प्लस टू किया। 2015 में उन्होंने ब्रह्मपुर के निजी कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया। इंजीनियर बनने के बाद उन्होंने दिल्ली में तीन साल प्राइवेट कंपनी में काम किया, लेकिन 2018 में नौकरी छोड़कर ओडिशा लौट आए और सरकारी सेवा की तैयारी में जुट गए।
उन्होंने पहले असिस्टेंट सेक्शन ऑफिसर (ASO) की परीक्षा दी, जिसमें 0.5 अंक से फेल हुए। इसके बाद उन्होंने ओडिशा सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी की और 2019 में सफल हुए।
विजिलेंस ने छापेमारी के दौरान उनके आवास से 4.73 लाख रुपये नकद बरामद किए। अधिकारी इस राशि के स्रोत की जांच कर रहे हैं। इस घटना के बाद सोशल मीडिया और आम जनता में नाराजगी देखने को मिल रही है।