प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फोर्ट विलियम (वर्तमान विजय दुर्ग) का दौरा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री होंगे, जो पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बाद यहां पहुंच रहे हैं। मोदी 15 से 17 सितंबर तक फोर्ट विलियम में आयोजित होने वाले हाई-प्रोफाइल त्रि-सेवा संयुक्त कमांडर सम्मेलन (CCC 2025) में हिस्सा लेंगे। इस सम्मेलन में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा सचिव भी उपस्थित रहेंगे। सुरक्षा के कड़े इंतजामों के साथ कोलकाता को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
प्रधानमंत्री मोदी रविवार रात को कोलकाता पहुंचेंगे और राजभवन में ठहरेंगे। सोमवार, 15 सितंबर की सुबह वह सम्मेलन में भाग लेंगे, जिसका विषय ‘सुधारों का वर्ष = भविष्य के लिए परिवर्तन’ है।
सम्मेलन का एजेंडा
CCC 2025 में सशस्त्र बलों के संस्थागत सुधार, गहन एकीकरण, तकनीकी आधुनिकीकरण और बहु-क्षेत्रीय परिचालन तैयारियों पर चर्चा होगी। उद्देश्य सशस्त्र बलों को जटिल भू-रणनीतिक परिस्थितियों में चुस्त, सक्षम और निर्णायक बनाना है। सम्मेलन में विभिन्न रैंकों के अधिकारियों और कार्मिकों के संवादात्मक सत्र आयोजित होंगे ताकि क्षेत्रीय दृष्टिकोण उच्चतम स्तर की रणनीतिक चर्चाओं में शामिल हो।
तीनों सेनाओं और एकीकृत रक्षा स्टाफ के अधिकारियों के साथ-साथ अन्य मंत्रालयों के सचिव भी मौजूद रहेंगे।
कोलकाता में सम्मेलन क्यों?
पश्चिम बंगाल और सिक्किम की सीमाओं के भू-राजनीतिक महत्व को देखते हुए यह सम्मेलन कोलकाता में आयोजित किया जा रहा है। क्षेत्र की प्रमुख चुनौतियों में मणिपुर में अशांति, म्यांमार में उग्रवाद, बांग्लादेश और नेपाल से घुसपैठ, तथा भूटान और चीन के साथ सीमांत संबंध शामिल हैं।
त्रि-सेवा सम्मेलन की विशेषता
पूर्वी कमान की स्थिति और अरुणाचल, सिक्किम व डोकलाम जैसी ऊंची सीमाओं पर चीन की गतिविधियों के मद्देनजर प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार क्षेत्रीय युद्ध तैयारियों और आवश्यकताओं का आकलन करेंगे। भौगोलिक विविधता और कठिन मौसम के कारण सेना पर रसद और गोला-बारूद की व्यवस्था में अतिरिक्त दबाव है।
इस प्रकार, प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित यह सम्मेलन भारत की संप्रभुता और सुरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।