हिमाचल प्रदेश में मौसम विभाग के येलो अलर्ट के बीच शुक्रवार देर रात बिलासपुर जिले की उपतहसील नम्होल के गुतराहण गांव में बादल फटने से भारी तबाही हुई। पानी और मलबे के तेज बहाव में नम्होल-डाबर संपर्क मार्ग पर खड़े सात वाहन बह गए, जबकि खेतों में भर गए मलबे से किसानों की खड़ी फसलें बर्बाद हो गईं।
मंडी जिले के धर्मपुर क्षेत्र में सरसकान पंचायत के रौह और सापड़ी गांवों में भारी भूस्खलन से आठ मकान क्षतिग्रस्त हो गए। प्रभावित परिवारों ने अपने घर छोड़कर रिश्तेदारों और पड़ोसियों के यहां शरण ली। लगभग तीस परिवार प्रभावित बताए जा रहे हैं। वहीं, चंबा के भटियात इलाके में भी मूसलधार बारिश के चलते 23 घरों और सात गोशालाओं में मलबा घुस गया। चार मवेशियों की दबकर मौत हो गई और कई मकानों को नुकसान पहुंचा।
भरमौर-पठानकोट हाईवे पर तुन्नूहट्टी, लाहरा और केरू पहाड़ियों समेत कई जगह भूस्खलन से यातायात 11 घंटे तक बाधित रहा। कुल्लू जिले के दुआड़ा नाले में लकड़ियां इकट्ठा करने गया एक युवक बह गया, जिसकी तलाश अब भी जारी है।
हमीरपुर जिले के भोरंज क्षेत्र में आधी रात को हुई बारिश से 15 मकान और आठ गोशालाएं क्षतिग्रस्त हो गईं। पपलाह पंचायत के कोट मसंदा गांव में घर गिरने से दो लोग दब गए, हालांकि उन्हें सुरक्षित निकाल लिया गया।
भारी बारिश और भूस्खलन के चलते प्रदेशभर में तीन नेशनल हाईवे समेत 558 सड़कें बंद हो गईं। इसके साथ ही 267 ट्रांसफार्मर और 317 पेयजल योजनाएं ठप हो गईं, जिससे कई इलाकों में बिजली और पानी की समस्या खड़ी हो गई है।
उधर, जोगिंद्रनगर की पिपली पंचायत में भूस्खलन के डर से ग्रामीणों का पलायन शुरू हो गया है। शनिवार को मंडी-कुल्लू राष्ट्रीय राजमार्ग मरम्मत कार्य के कारण तीन घंटे बंद रहा। वहीं, शिमला जिले के ठियोग उपमंडल में छैला-पराला-सैंज मार्ग चार घंटे तक अवरुद्ध रहा।
मौसम विभाग ने रविवार को हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। विभाग ने पूर्वानुमान जताया है कि 17 सितंबर तक प्रदेश में मौसम खराब बना रहेगा।