एशिया कप में भारत-पाकिस्तान मुकाबले को लेकर देशभर में सियासी बहस तेज हो गई है। महाराष्ट्र में भी इस मामले को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हैं। शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शनिवार को दुबई में होने वाले इस मैच को राष्ट्रभावनाओं का अपमान बताया और लोगों से अपील की कि वे इसे न देखें। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी की महिला कार्यकर्ता सिंदूर इकट्ठा करके प्रधानमंत्री कार्यालय भेजेंगी, ताकि सरकार को अपनी जिम्मेदारी याद दिलाई जा सके।
भाजपा ने उद्धव पर दोहरे मानदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए पलटवार किया। महाराष्ट्र भाजपा के मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने कहा कि उद्धव भाजपा पर देशभक्ति दिखाने का आरोप लगाते हैं, लेकिन उन्हें बताना चाहिए कि मुंबईकरों का सिंदूर क्या कम है। उन्होंने 26/11 के बाद कांग्रेस सरकार की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाया और कहा कि उस समय पाकिस्तान का हौसला बढ़ा। उपाध्ये ने कांग्रेस को ‘पाकिस्तान समस्या की जड़’ बताते हुए कहा कि कांग्रेस ने पाकिस्तान को मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा दिया और अब वही पार्टी उद्धव की करीबी सहयोगी है।
भाजपा के मीडिया प्रमुख नवनाथ बान ने उद्धव और उनके सहयोगी संजय राउत पर हमला बोलते हुए कहा कि उनका राष्ट्रवाद दिखावटी है। उन्होंने तंज कसा कि अगर उद्धव सच में मैच का विरोध करते हैं, तो पहले अपने ही सहयोगी मिलिंद नार्वेकर को पद से हटवाएं। भाजपा अध्यक्ष अमित सताम ने भी सोशल मीडिया पर उद्धव और नार्वेकर की तस्वीरें साझा कर सवाल उठाया कि उन्होंने कभी नार्वेकर के विचारों पर सवाल क्यों नहीं उठाया।
उद्धव ठाकरे ने अपने बयान में अपने पिता और शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे का जिक्र करते हुए कहा, “जब खून और पानी साथ नहीं बह सकते, तो क्रिकेट और खून भी साथ नहीं बह सकते। जब तक आतंकवाद खत्म नहीं होता, तब तक पाकिस्तान के साथ कोई संबंध नहीं होना चाहिए।”
सरकार की नई खेल नीति के अनुसार, भारत पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेलेगा, लेकिन एशिया कप और अन्य बहुपक्षीय टूर्नामेंट्स में उनका सामना संभव रहेगा।