उत्तर प्रदेश के मेरठ स्थित विक्टोरिया पार्क में चल रही रामकथा के दौरान जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने महिलाओं और शिक्षा को लेकर विवादित टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म ही ऐसा है जहां महिलाओं को देवी का दर्जा दिया जाता है, जबकि अन्य धर्मों में उन्हें सीमित करके देखा जाता है।
स्वामी ने दावा किया कि इस्लाम में महिलाओं के साथ अन्याय होता है। उन्होंने कहा कि एक महिला से कई बच्चों को जन्म दिलाना और बाद में तलाक देकर छोड़ देना “यूज एंड थ्रो” जैसी स्थिति पैदा करता है। इसके विपरीत, हिंदू परंपरा में मां को पिता से भी ऊंचा स्थान दिया गया है।
बच्चों की शिक्षा को लेकर भी बयान
स्वामी रामभद्राचार्य ने अभिभावकों से कहा कि वे बच्चों को कॉन्वेंट या मदरसों में न भेजें। उनकी अपील थी कि बच्चों को सांस्कृतिक मूल्यों से जोड़ने के लिए सरस्वती विद्यालयों में पढ़ाया जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि हर परिवार को केवल 2-3 संतानें ही रखनी चाहिए और उन्हें संस्कारी बनाना चाहिए।
पहले भी विवादित बयान दे चुके
यह पहली बार नहीं है जब उनका बयान सुर्खियों में आया हो। कुछ दिन पहले ही उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश को “मिनी पाकिस्तान” कहकर विवाद खड़ा कर दिया था और हिंदुओं से मुखर होने की अपील की थी। उनके इस बयान पर समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन ने कड़ी आपत्ति जताई थी और इसे मुसलमानों समेत पूरे पश्चिमी यूपी का अपमान बताया था।