राजस्थान के उदयपुर में मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय में छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के छात्रों ने कुलपति डॉ. सुनीता मिश्रा के एक विवादित बयान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। एक सेमिनार के दौरान कुलपति ने औंरगजेब को कुशल प्रबंधक बताया था, जिससे छात्रों में आक्रोश फैल गया।
छात्रों का कहना है कि यह बयान मेवाड़ की गौरवशाली परंपरा का अपमान है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने प्रशासनिक भवन का शीशा तोड़ दिया और पुलिस के साथ धक्का-मुक्की भी हुई। प्रदर्शनकारी छात्रों ने कुलपति के खिलाफ नारेबाजी की और उनका पुतला फूंक दिया। छात्रों की मांग है कि डॉ. सुनीता मिश्रा को तत्काल बर्खास्त किया जाए और जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।
विश्वविद्यालय प्रशासन और पुलिस मौके पर मौजूद हैं और स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास कर रहे हैं। छात्रों का विरोध केवल एक बयान तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे क्षेत्रीय अस्मिता और मेवाड़ की संस्कृति का अपमान माना जा रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से अभी तक औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
इस पूरे मामले ने एक बार फिर यह सवाल उठाया है कि सार्वजनिक मंचों पर दिए गए बयानों का सामाजिक असर कितना गहरा हो सकता है और ऐसे मामलों में जिम्मेदारों की जवाबदेही कितनी जरूरी है।