पुरी ने भरोसा दिलाया: E20 पेट्रोल सुरक्षित, गाड़ियों और बीमा पर कोई असर नहीं

केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को कहा कि इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (E20) गाड़ियों के लिए हानिकारक नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार के इथेनॉल ब्लेंडिंग कार्यक्रम को लेकर जो विवाद उत्पन्न किया गया है, वह निराधार है। वाराणसी में पत्रकारों से बातचीत में पुरी ने बताया, “E20 से वाहन प्रभावित नहीं होते।”

पुरी ने बताया कि इस कार्यक्रम से किसानों को ऊर्जा उत्पादक बनने का अवसर मिला है, जिससे देश की ऊर्जा सुरक्षा मजबूत हुई है। इसके अलावा, कच्चे तेल के आयात में 1.4 लाख करोड़ रुपये की बचत और प्रदूषण में कमी भी हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने नवंबर 2020 तक 10% ब्लेंडिंग का लक्ष्य पूरा कर लिया था और 20% E20 ब्लेंडिंग का लक्ष्य भी समय से पहले हासिल कर लिया गया है।

पुरी ने अफवाहों से सावधान रहने की सलाह देते हुए कहा कि किसी तरह का विवाद नहीं है। “कुछ बयानों में कहा गया कि इसे और आगे बढ़ाया जाएगा, लेकिन अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है। मैं आश्वस्त करता हूं कि इथेनॉल कार्यक्रम विवाद से मुक्त है और इसके जरिए हमारे अन्नदाता ऊर्जा प्रदाता बन रहे हैं।”

उन्होंने यह भी बताया कि भारत ने इथेनॉल ब्लेंडिंग में पिछले एक दशक में बड़ी तेजी दिखाई है। 2014 में यह दर सिर्फ 1.53% थी, जबकि 2022 तक 10% का लक्ष्य समय से पहले पूरा हो गया। अब 20% E20 ब्लेंडिंग का लक्ष्य भी पहले ही हासिल कर लिया गया है।

पुरी ने असम में दुनिया के पहले बांस आधारित इथेनॉल प्लांट का जिक्र करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नुमालीगढ़ रिफाइनरी में यह सेकंड-जनरेशन बायोइथेनॉल प्लांट शुरू किया। इसकी लागत लगभग 5,000 करोड़ रुपये है।

कुछ दावों के अनुसार E20 से माइलेज घटता है, लेकिन मंत्रालय ने इसे गलत बताया। नए मॉडलों में माइलेज केवल 1-2% घटता है, जबकि पुराने मॉडलों में यह 3-6% तक होता है। इसके अलावा, E20 ईंधन से वाहन बीमा प्रभावित नहीं होता।

पुरी ने कहा कि 2014-15 से अब तक इथेनॉल ब्लेंडिंग के कारण देश ने 1.40 लाख करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा बचाई है और किसानों को 1.20 लाख करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया है। इसके साथ ही लाखों टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आई है।

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में देशभर में E20 लागू करने को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस कार्यक्रम की आलोचना को ‘पैसे देकर चलाया गया अभियान’ करार दिया।

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