कम से कम फ़िरोज़ गांधी को तो याद रखते !

8 सितंबर से 14 सितंबर का कालखंड भारत के इतिहास को जानने और मानने वालों के लिए अति महत्वपूर्ण हैं। इस अवधि में देश में अनेक हस्तियों ने जन्म लिया या वे काल-कलवित हो गये। राजनीति, कला-साहित्य-पत्रकारिता, संगीत, सेना आदि विभिन्न क्षेत्रों में अपना ऊंचा मुकाम बनाया। ऐसे महानुभावों को उनके जन्मदिन अथवा पुण्यतिथि पर याद ‌करना और श्रद्धासुमन अर्पित करना हमारा कर्तव्य बनता है। देश के विशिष्ठ एवं आमजन इनको स्मरण कर कृतज्ञता प्रकट करते हैं और देश के प्रति इन महापुरुषों के योगदान की सराहना करते है। यह स्वस्थ्य परम्परा अतीत से अब तक जारी है।

अभी 8 सितंबर को कवि, गायक एवं परम देशभक्त भूपेन हजारिका का जन्मदिन था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुवाहाटी पहुंचकर महान कवि को, जयन्ती वर्ष पर श्रद्धासुमन अर्पित किये।

8 सितंबर को ही राजनीतिज्ञ और ‘नेशनल हेराल्ड’ के संपादक तथा भारत की प्रधानमंत्री रहीं, श्रीमती इंदिरा गांधी के पति फ़िरोज़ गांधी का दिल्ली के वेलिंगटन अस्पताल में निधन हुआ। सितंबर महीने की 12 तारीख को उनका जन्मदिवस भी था। स्वतंत्रता प्राप्ति से पूर्व यूनाइटेड प्रोविंस ऑफ आगरा एंड अवध अब उत्तर प्रदेश के चीफ मिनिस्टर तथा बाद में भी मुख्यमंत्री एवं केन्द्र में गृहमंत्री रहे पं गोविंद बल्लभ पंत, जिन्हें महात्मा गांधी हिमालय पुत्र कहते थे, का जन्म कुमाऊँ के खुंट गांव में 10 सितंबर 1887 में हुआ था। भारत-पाक युद्ध 1965 में खेमकरण की लड़ाई में एक जीप में बैठ कर ही अकेले 7 अमेरिकी पैटन टैंकों को उड़ा कर 10 सितंबर को परमवीर अब्दुल हमीद शहीद हो गए। 10 सितंबर, 1890 को भारत के महान चित्रकार असित कुमार हाल्दार (गुरु रवींद्रनाथ टैगोर के सहायक) का जन्म हुआ।

भूमिहीन गरीबों के हित में पूरे भारत की पद‌यात्रा कर भूदान यज्ञ में 48 लाख एकड़ जमीन एकत्र करने वाले विनोबा भावे का जन्म 11 सितंबर 1895 में महाराष्ट्र में हुआ। विनोबा जी ने इंदिरा गांधी द्वारा लगाये गए आपातकाल को ‘अनुशासन पर्व’ बताया था। दक्षिण भारत के महान कवि सुब्रमण्यम भारती और हिन्दी की युगान्त‌कारी कवयित्री महादेवी वर्मा भी 11 सितंबर को जन्मे। हिन्दी सिने जगत के लोकप्रिय संगीतकार जयकिशन का निधन 12 सितंबर को हुआ। हिन्दी के प्रमुख लेखक-साहित्यकार श्रीधर पाठक 13 सितंबर को धरती से विदा हुए। 14 सितंबर 1995 को सर्वहारावर्ग के नेता महाराज सिंह भारती का निधन हुआ जिन्होंने जनरल शाहनवाज जैसे नेता को पटकनी दी।

जन्म-मृत्यु के चक्र के अलावा भी सितंबर मास की विशेषतायें हैं। 11 सितंबर 1906 को दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में मोहनदास करमचंद गांधी (महात्मा गांधी) ने ब्रिटिशर्स (अंग्रेजों) के विरुद्ध सत्याग्रह आरम्भ किया और 11 सितंबर 1893 के शिकागो (अमेरिका) के विश्वधर्म सम्मेलन में स्वामी विवेकानंद ने सिंहनाद कर संसार को हिन्दुत्व की महानता की जानकारी दी। इसी प्रकार 14 सितंबर को हिन्दी प्रेमियों ने इसे हिन्दी दिवस के रूप में मनाया।

इतनी सब बातें इस लिए लिखी गई कि प्रत्येक तिथि का कुछ महत्व होता है और लोग इन्हें अपने तरीके से मनाते या याद करते हैं। यह देखकर अफसोस हुआ कि सोनिया, प्रियंका और राहुल देश में बांग्लादेश, नेपाल जैसी आग लगाने के चक्कर में अपने बुजुर्ग फ़िरोज़ गांधी को उनके जन्मदिन व पुण्यतिथि पर भी याद न कर पाये। फ़िरोज़ गांधी का जन्म 12 सितंबर,1912 को बंबई फोर्ट जिले के तहमुलजी नरीमन हॉस्पिटल में हुआ। निधन 8 सितंबर 1960 को वेलिंगटन अस्पताल, दिल्ली में हुआ। उनके जन्म एवं मृत्यु की तारीखें सितंबर मास में ही पड़ती है। गांधी-नेहरू परिवार के किसी भी सदस्य को गवारा नहीं हुआ कि वह झूठ को भी फ़िरोज़ गांधी को याद कर लेते, पं. गोविन्द बल्लभ पन्त, विनोबा भावे या सुब्रह्मण्यम भारती को याद करने का तो प्रश्न ही नहीं। अलबत्ता राहुल गांधी कर्नाटक जा कर यह जरूर कह आये कि मोदी कन्नड़ भाषा को खत्म कर कर्नाटक वालों पर हिन्दी लांद देगा। यह हिन्दी दिवस पर राहुल का हिन्दी प्रेम है लेकिन अपने बुजुर्गों के प्रति प्रेम व श्रद्धा क्यों हवा हो गई? ऐसे तो कुर्सी नहीं हथियाई जा सकती।

गोविंद वर्मा
संपादक ‘देहात’

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