मेरठ। प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई हैं। इस बीच भाजपा की सहयोगी मानी जाने वाली राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने ऐलान किया है कि वह चुनाव मैदान में अकेले उतरेगी। रालोद के इस रुख से भाजपा खेमे में हलचल बढ़ गई है।
रणनीति और तैयारी तेज
भाजपा ने जिला और क्षेत्रीय स्तर पर पंचायत चुनावों को लेकर रणनीति तय कर दी है। संयोजक और सह संयोजक की नियुक्ति के साथ वोटर लिस्ट को दुरुस्त करने का काम भी तेजी से चल रहा है। पार्टी का लक्ष्य है कि जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख पदों पर अधिकतम जीत दर्ज की जा सके। इसके लिए रालोद के साथ गठबंधन की चर्चा भी चल रही थी।
पंचायत चुनाव संगठन को मज़बूत करने का आधार: डॉ. उज्ज्वल
रालोद पंचायत चुनाव समिति के प्रदेश संयोजक डॉ. कुलदीप उज्ज्वल ने साफ किया कि उनकी पार्टी स्थानीय स्तर पर अपने बूते चुनाव लड़ेगी। उनका कहना है कि पंचायत चुनाव ही विधानसभा चुनावों की नींव रखते हैं। यदि पंचायत स्तर पर संगठन मज़बूत होगा तो विधानसभा में सफलता पाना आसान हो जाएगा।
गठबंधन पर निर्णय बाकी: भाजपा
भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष सत्येंद्र सिसोदिया ने कहा कि गठबंधन पर अंतिम फैसला अभी नहीं हुआ है। शीर्ष नेतृत्व रालोद प्रमुख जयंत चौधरी से बातचीत के बाद आगे की रणनीति तय करेगा।
रालोद के स्वतंत्र चुनाव लड़ने के ऐलान से भाजपा की रणनीति प्रभावित होती दिख रही है। अब सबकी नज़र इस बात पर है कि आने वाले दिनों में दोनों दलों की बातचीत किस मोड़ पर पहुंचती है।