वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने खुदरा शृंखलाओं को निर्देश दिया है कि वे जीएसटी दरों में हाल ही में किए गए बदलावों से मिलने वाली छूट को प्रमुखता से दिखाएँ और इसका प्रचार करें। उद्योग व आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने भारतीय खुदरा विक्रेता संघ को पत्र भेजकर कहा कि रसीद/बिल में जीएसटी कटौती को ‘जीएसटी छूट’ के रूप में प्रदर्शित किया जाना चाहिए और प्रमुख उत्पादों पर विशेष ध्यान दिया जाए।
निर्देश में कहा गया है कि खुदरा विक्रेता अपने नेटवर्क के माध्यम से पोस्टर, फ्लायर्स और विज्ञापनों (प्रिंट, टीवी और ऑनलाइन) के जरिए ‘जीएसटी के कारण छूट’ को प्रमुखता से प्रदर्शित करें। साथ ही इस त्यौहारी सीजन में बिक्री के आंकड़ों पर नजर रखी जाए और उन्हें विभिन्न माध्यमों से साझा किया जाए।
22 सितंबर से लागू होने वाले नए जीएसटी ढांचे के तहत साबुन, कार, शैंपू, ट्रैक्टर और एयर कंडीशनर समेत लगभग 400 उत्पादों की कीमतें घटेंगी। नई दरों में आम इस्तेमाल की वस्तुओं पर 5% और अन्य वस्तुओं पर 18% कर लागू होगा। मौजूदा 12% और 28% स्लैब समाप्त हो जाएंगी। अधिकांश दैनिक खाद्य और किराना उत्पाद 5% स्लैब के तहत आएंगे, जबकि ब्रेड, दूध और पनीर पर कोई कर नहीं लगेगा।
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि 3 सितंबर को घोषित व्यापक जीएसटी सुधारों के तहत दवाओं पर टैक्स या तो पूरी तरह छूट दिया गया है या सबसे निचली स्लैब में रखा गया है। राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) ने कहा कि उपभोक्ता उन दवाओं पर भी राहत का लाभ उठा सकेंगे, जो नई दरों के लागू होने से पहले ही निर्मित हो चुकी हैं और दवा दुकानों पर उपलब्ध हैं। इससे आम लोगों को स्वास्थ्य देखभाल में सीधे लाभ मिलेगा और खर्च में कमी आएगी।