पाक ने ट्रंप के दावे का किया भंडाफोड़, कहा- भारत ने ठुकराई थी मध्यस्थता

पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान पर सवाल खड़े किए हैं, जिसमें ट्रंप ने भारत–पाकिस्तान संघर्ष विराम में अपनी भूमिका बताई थी। डार ने स्पष्ट किया कि अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने मई में भारत–पाकिस्तान सीमा पर हुए तनाव के दौरान उन्हें बताया था कि भारत ने किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से साफ इनकार कर दिया है, क्योंकि यह दोनों देशों का द्विपक्षीय विषय है।

‘हमें मध्यस्थता से एतराज़ नहीं’
एक विदेशी चैनल को दिए इंटरव्यू में डार ने कहा कि उन्होंने वॉशिंगटन में 25 जुलाई को रुबियो से बातचीत की थी। उस दौरान जब उन्होंने भारत के साथ वार्ता की संभावनाओं के बारे में पूछा तो रुबियो ने बताया कि नई दिल्ली किसी भी तीसरे पक्ष की भूमिका स्वीकार नहीं कर रहा। डार ने कहा कि पाकिस्तान को तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से भी कोई समस्या नहीं है और न ही द्विपक्षीय बातचीत से। लेकिन चूँकि भारत इसे आपसी मुद्दा मानता है, इसलिए प्रगति नहीं हो पा रही।

‘बातचीत के लिए तैयार, मजबूरी नहीं’
डार ने आगे कहा कि पाकिस्तान हमेशा वार्ता के लिए तैयार है, लेकिन इसके लिए वह किसी से गुहार नहीं लगाएगा। “अगर भारत बातचीत का इच्छुक है तो हम उसका स्वागत करेंगे। पाकिस्तान शांति का पक्षधर है और मानता है कि आगे बढ़ने का रास्ता बातचीत से ही निकलता है। मगर संवाद एकतरफ़ा नहीं हो सकता, इसके लिए दोनों की सहमति ज़रूरी है,” उन्होंने कहा।

ट्रंप कई बार कर चुके हैं दावा
10 मई को संघर्ष विराम के बाद से राष्ट्रपति ट्रंप कई बार कह चुके हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम कराने में उनकी अहम भूमिका रही। उन्होंने यह भी कहा था कि यदि दोनों देश संघर्ष रोक दें तो अमेरिका उनके साथ व्यापारिक संबंध मजबूत करेगा। हालाँकि भारत लगातार यह दोहराता रहा है कि संघर्ष विराम की सहमति दोनों देशों की सेनाओं के महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच सीधे संपर्क के बाद बनी थी, न कि किसी तीसरे पक्ष की दख़ल से।

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