उत्तराखंड के देहरादून में बादल फटने से आई बाढ़ ने कई मजदूरों की जिंदगी छीन ली। मुरादाबाद मंडल के दर्जनभर मजदूर इस आपदा की चपेट में आ गए। हादसे में बिलारी तहसील के मुंडिया जैन गांव के छह मजदूरों की मौत हो गई, जबकि तीन का अब तक कोई पता नहीं चल पाया है। वहीं, अमरोहा जिले के हसनपुर क्षेत्र के रहरा गांव के तीन मजदूर भी बह गए, जिनमें से एक का शव बरामद कर लिया गया है।
मुंडिया जैन गांव में मातम
बिलारी तहसील के थाना सोनकपुर इलाके के मुंडिया जैन गांव के करीब 20 मजदूर कुछ दिन पहले रोज़गार की तलाश में देहरादून के सहसपुर विधानसभा क्षेत्र पहुंचे थे। मंगलवार तड़के वे नदी किनारे रेत और बजरी निकाल रहे थे। इसी दौरान सहस्रधारा क्षेत्र में बादल फटने से टॉस नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया। तेज बहाव में मजदूर ट्रैक्टर-ट्रॉली सहित बह गए। हादसे में मदन (45), नरेश (48), हरचरन (60), सोमवती (55), रीना (31) और किरन (35) की मौत हो गई। सभी शव बरामद कर लिए गए हैं, जबकि राजकुमार (21), होराम (32) और सुंदरी (42) लापता हैं।
रहरा गांव के मजदूर भी लापता
अमरोहा जिले के हसनपुर क्षेत्र के रहरा और आसपास के गांवों के 11 मजदूर भी देहरादून के बाजावाला गांव में मजदूरी करने गए थे। मंगलवार को बादल फटने से रिस्पना नदी का जलस्तर बढ़ने पर तीन मजदूर बह गए। इनमें रहरा निवासी पुष्पेंद्र (20), पीतम (22) और पंकज (27) शामिल हैं। पंकज का शव बरामद कर लिया गया है, जबकि पुष्पेंद्र और पीतम का अब तक कुछ पता नहीं चल पाया है।
गांवों में पसरा सन्नाटा
दुर्घटना की खबर मिलते ही मुंडिया जैन और रहरा गांवों में मातम छा गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधि गांव पहुंचकर शोक संतप्त परिवारों को ढांढस बंधा रहे हैं। वहीं, लापता लोगों की खोज के लिए परिजन देहरादून रवाना हो गए हैं।