टैरिफ को लेकर बिगड़ते व्यापारिक संबंधों को सुधारने के लिए अमेरिका और चीन नई पहल कर रहे हैं। मैड्रिड में चल रही वार्ता में दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते पर सहमति बन गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि टिकॉक पर समझौता कर लिया गया है और अमेरिका-चीन के बीच अन्य व्यापारिक समझौतों पर भी बात तय हो गई है।
ट्रंप ने बताया कि वे शुक्रवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बातचीत कर सभी बिंदुओं को अंतिम रूप देंगे। उन्होंने कहा कि यह समझौता पहले किए गए किसी भी समझौते से अलग है और इसे दोनों देशों के लिए लाभकारी माना जा रहा है। इसके लिए कई बड़ी कंपनियों ने इसे खरीदने की इच्छा जताई है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने संघर्ष विराम कराने का भी दावा किया और कहा कि यदि सुप्रीम कोर्ट में टैरिफ संबंधी मामला उनके पक्ष में जाता है, तो अमेरिका विश्व का सबसे अमीर देश बन जाएगा। उन्होंने बताया कि टैरिफ का उपयोग करते हुए उन्होंने सात अंतरराष्ट्रीय विवाद सुलझाए हैं। इसके अलावा, उन्होंने यूक्रेन-रूस युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की को समझौता करना होगा और यूरोप को रूस से तेल खरीदना बंद करना होगा।
मैड्रिड में चल रही वार्ता
मैड्रिड में अमेरिका और चीन के अधिकारियों के बीच नई आर्थिक और व्यापारिक बातचीत जारी है। अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व अमेरिकी ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट और ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव जेमिसन ग्रीयर कर रहे हैं, जबकि चीनी पक्ष का नेतृत्व उप-प्रधानमंत्री हे लिफेंग कर रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका और चीन के बीच संबंध कई जटिलताओं से घिरे हुए हैं। व्यापारिक विवाद, राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताएं और तकनीकी उद्योग पर बढ़ते तनाव ने दोनों देशों के रिश्तों को चुनौतीपूर्ण बना दिया है। बावजूद इसके, मैड्रिड वार्ता को द्विपक्षीय संबंधों के सुधार की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।