गोरखपुर में पशु तस्करों द्वारा NEET की तैयारी कर रहे छात्र दीपक की हत्या के बाद पुलिस प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की है। जंगल धूषण चौकी के प्रभारी समेत सभी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है और विभागीय जांच के आदेश जारी किए गए हैं। यह निर्णय एसएसपी राजकरण नैय्यर ने मंगलवार देर रात लिया। साथ ही एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ एस ने घटना की गंभीरता को देखते हुए एसटीएफ को आरोपियों की तलाश में लगाया है। प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद भी स्थिति की समीक्षा के लिए गोरखपुर पहुंचे।
बताया गया कि सोमवार देर रात पिपराइच थाना क्षेत्र में 10–12 की संख्या में तस्कर दो गाड़ियों से मऊआचापी गांव पहुंचे। यहां दीपक के परिवार की फर्नीचर दुकान और गोदाम का ताला तोड़ने की कोशिश की गई। सूचना मिलने पर दीपक मौके पर पहुंचा और ग्रामीणों संग तस्करों का पीछा किया। इसी दौरान वह स्कूटी से गिर पड़ा और तस्करों ने उसे जबरन गाड़ी में उठा लिया।
ग्रामीणों ने एक गाड़ी को घेर लिया और उसमें मौजूद एक तस्कर को पकड़ लिया। उसकी जमकर पिटाई हुई, जिससे पुलिस को उसे छुड़ाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। इस दौरान एसपी नार्थ जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव और पिपराइच थानेदार भी चोटिल हो गए। बाद में कुछ दूरी पर दीपक का शव खून से लथपथ हालत में बरामद हुआ, उसका सिर कुचला हुआ था।
घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने मंगलवार सुबह गोरखपुर-पिपराइच मार्ग जाम कर दिया। पुलिस अधिकारियों ने काफी देर तक लोगों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे मांगें पूरी होने तक डटे रहे। हालात बिगड़ते देख डीआईजी शिव शिंपी चनप्पा और एसएसपी राजकरण नैय्यर मौके पर पहुंचे और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिलाया। लगभग पांच घंटे बाद जाम समाप्त हुआ।
डीएम दीपक मीणा ने बताया कि मृतक के परिवार की मांगों पर सरकार गंभीर है। उन्हें आर्थिक मदद और अन्य जरूरी सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।