लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट द्वारा कक्षा 1 से 8 तक पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास करना अनिवार्य करने के आदेश के बाद प्रदेश के लाखों शिक्षक चिंता में थे। इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर बेसिक शिक्षा विभाग ने उच्चतम न्यायालय में रिवीजन याचिका दाखिल कर दी है। इससे प्रभावित शिक्षकों ने राहत महसूस की है और मुख्यमंत्री का आभार जताया है।
सीएम योगी ने मंगलवार सुबह सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर जानकारी दी कि सेवारत शिक्षकों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए टीईटी की अनिवार्यता पर आए आदेश के खिलाफ रिवीजन दाखिल करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के शिक्षक अनुभवी हैं और समय-समय पर उन्हें प्रशिक्षण भी मिलता रहा है। ऐसे में उनकी योग्यता और वर्षों की सेवा की अनदेखी करना उचित नहीं है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 1 सितंबर को आदेश दिया था कि जो शिक्षक टीईटी पास नहीं कर पाएंगे, उन्हें नौकरी छोड़नी होगी। इस फैसले से प्रदेश के करीब डेढ़ लाख शिक्षक प्रभावित हो रहे हैं, जिनमें कई ऐसे भी हैं जो 25-30 वर्षों से सेवा दे रहे हैं।
शिक्षक संगठनों ने लंबे समय से सरकार से इस मामले में रिव्यू पिटीशन दाखिल करने की मांग की थी। इस क्रम में जिलों में प्रदर्शन हुए और ज्ञापन प्रधानमंत्री, शिक्षा मंत्री व मुख्यमंत्री को भेजे गए। अब विभाग ने याचिका दाखिल कर दी है।
आंकड़े एक नजर में:
- प्रदेश में 1.32 लाख परिषदीय विद्यालय
- इन स्कूलों में 1.49 करोड़ विद्यार्थी
- कुल शिक्षक संख्या 4.50 लाख
- शिक्षामित्र 1.43 लाख
- अनुदेशक 25 हजार
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने कहा कि सीएम के नेतृत्व में सरकार शिक्षकों के हित संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने शिक्षकों की भूमिका को राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि उनका अनुभव शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करता है।