पटना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी दिवंगत मां हीराबेन से जुड़े डिपफेक वीडियो मामले में पटना हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को आदेश दिया है कि इस विवादित वीडियो को तुरंत हटाया जाए। यह निर्देश कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश पी.बी. बजंतरी की बेंच ने सुनवाई के दौरान जारी किया।
यह मामला तब चर्चा में आया जब बिहार कांग्रेस ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एआई-जनरेटेड वीडियो साझा किया था। इस वीडियो में पीएम मोदी को सोते हुए दिखाया गया है और उनकी मां हीराबेन आकर उनकी राजनीति पर सवाल उठाती हैं। वीडियो वायरल होने के बाद से ही इसे लेकर तीखा राजनीतिक विवाद शुरू हो गया।
एफआईआर दर्ज
दिल्ली के भाजपा नेता संकेत गुप्ता ने इस वीडियो को लेकर एफआईआर दर्ज कराई थी। शिकायत में कांग्रेस और उसकी आईटी सेल को मुख्य आरोपी बताया गया। एफआईआर में आरोप है कि इस तरह का वीडियो न केवल प्रधानमंत्री की छवि को नुकसान पहुंचाने वाला है, बल्कि मातृत्व का भी अपमान करता है।
भाजपा का विरोध
वीडियो सामने आने के बाद भाजपा ने कांग्रेस की कड़ी आलोचना की। पार्टी ने कहा कि पीएम मोदी की दिवंगत मां को लेकर इस तरह का वीडियो बनाना असंवेदनशीलता और साजिश की निशानी है। भाजपा नेताओं ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह इस तरह की हरकतों से प्रधानमंत्री और उनके परिवार की प्रतिष्ठा धूमिल करने की कोशिश कर रही है।