जापान में पाकिस्तान की एक फर्जी फुटबॉल टीम का भंडाफोड़ हुआ है। टीम मैच खेलने के लिए जापान पहुंची थी, लेकिन एयरपोर्ट पर अधिकारियों को शक हुआ और सभी सदस्यों को तुरंत वापस भेज दिया गया। जांच में पता चला कि टीम में वास्तविक खिलाड़ी नहीं थे, बल्कि मानव तस्करी के जरिए लोगों को भेजा गया था।
संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) के अनुसार, 22 सदस्यीय यह टीम जून 2025 में जापान पहुंची थी। सभी ने फुटबॉल किट पहन रखी थी और दावा किया कि वे पाकिस्तान फुटबॉल फेडरेशन (PFF) में पंजीकृत हैं और जापान के एक क्लब के साथ मैच खेलेंगे। इसी आधार पर उन्हें 15 दिन का वीजा भी मिला था। लेकिन जापान एयरपोर्ट पर मौजूद अधिकारियों ने जांच की और पूरी टीम को तुरंत देश लौटाया। मामला पाकिस्तान पहुंचा और एफआईए को सौंपा गया।
एफआईए ने जांच में मुख्य आरोपी वकास अली को पकड़ा। उसने बताया कि वह मानव तस्करी के नेटवर्क से जुड़ा है। वकास ने स्वीकार किया कि 2024 में भी उसने 17 लोगों को फर्जी फुटबॉल टीम के नाम पर जापान भेजा था, जो लौट कर नहीं आए।
जांच में यह भी सामने आया कि आरोपियों ने पाकिस्तान फुटबॉल फेडरेशन और विदेश मंत्रालय के फर्जी पत्र और एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) तैयार किए थे। हर व्यक्ति से लगभग 45 लाख पाकिस्तानी रुपये वसूले गए। एफआईए अभी गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में है और बड़े खुलासे की संभावना है। आरोपी से पूछताछ जारी है।