रांची। झारखंड दौरे पर आए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने मंगलवार को एक कार्यक्रम में सेना की हालिया रणनीतियों और मूल्यों पर विस्तार से चर्चा की। इस दौरान उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख करते हुए बताया कि पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर हमला जानबूझकर आधी रात को किया गया।
उन्होंने कहा कि 7 मई को यह कार्रवाई रात 1 से 1:30 बजे के बीच हुई। समय का चुनाव दो कारणों से किया गया था। पहला, भारतीय सेना को अपनी तकनीकी और खुफिया क्षमता पर पूरा भरोसा था कि अंधेरे में भी स्पष्ट तस्वीरें और सबूत जुटाए जा सकते हैं। दूसरा और सबसे अहम कारण था नागरिकों की सुरक्षा। “अगर हमला सुबह 5:30 या 6 बजे होता, तो उस दौरान अजान और आम लोगों की आवाजाही शुरू हो जाती। इससे निर्दोष लोगों की जान जा सकती थी। इसलिए ऑपरेशन को रात के अंधेरे में अंजाम दिया गया।”
सीडीएस चौहान ने आगे कहा कि भारतीय सेना में भाई-भतीजावाद या सिफारिश की कोई जगह नहीं है। यहाँ हर जवान अपनी मेहनत और काबिलियत से पहचान बनाता है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे अनुशासन और देशसेवा की भावना के साथ सेना में शामिल हों।
डिफेंस एक्सपो-ईस्ट टेक 2025 में करेंगे शिरकत
रांची में बुधवार से शुरू हो रहे तीन दिवसीय डिफेंस एक्सपो – ईस्ट टेक 2025 में भी सीडीएस जनरल अनिल चौहान हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा कि बच्चों और युवाओं को भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया को समझने का सबसे अच्छा अवसर सशस्त्र बलों से जुड़कर मिलता है।
राज्यपाल से मुलाकात
अपने दौरे के दौरान जनरल चौहान ने झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार से राजभवन में शिष्टाचार भेंट की। राज्यपाल ने इस मुलाकात को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा—“राजभवन, रांची में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) अनिल चौहान से भेंट का अवसर प्राप्त हुआ। उनका अनुभव, नेतृत्व और राष्ट्र सुरक्षा के प्रति दृष्टिकोण सदैव प्रेरणादायी है।”