मनाली। मंडी संसदीय क्षेत्र की सांसद कंगना रनौत ने गुरुवार को आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि हिमाचल सरकार जंगल काटकर लकड़ी बेच रही है और आपदा राहत के नाम पर केंद्र से मिली राशि का सही उपयोग नहीं हो रहा।
कंगना ने कहा कि आपदा के बाद केंद्र ने एनएचएआई को तुरंत 200 करोड़ रुपये जारी किए, लेकिन सड़कों को खोलने का काम अपेक्षित गति से नहीं हो रहा। उनके अनुसार, केंद्र अब तक लगभग 10 हजार करोड़ रुपये राज्य को दे चुका है, लेकिन धनराशि को अन्य मदों में खर्च करने की शिकायतें सामने आई हैं। उन्होंने दावा किया कि भ्रष्टाचार को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चिंता जताई थी।
पर्यटन पर संकट और निजी नुकसान
सांसद ने मनाली की स्थिति को “सबसे बड़ी विपदा” बताते हुए कहा कि पर्यटन पूरी तरह ठप हो गया है। उन्होंने बताया कि उनका खुद का रेस्टोरेंट भी प्रभावित है, जहां बुधवार को केवल 50 रुपये की बिक्री हुई, जबकि वेतन पर हर महीने लगभग 15 लाख रुपये खर्च होते हैं।
राजनीतिक नेताओं पर निशाना
कंगना ने विपक्षी नेताओं पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि आपदा के समय प्रधानमंत्री तो हिमाचल पहुंचे, लेकिन न राहुल गांधी आए और न ही प्रियंका गांधी। यहां तक कि राज्य के पीडब्ल्यूडी मंत्री ने भी प्रभावित इलाकों का दौरा करने की जहमत नहीं उठाई।
उन्होंने बताया कि जिन लोगों के घर पूरी तरह तबाह हो गए हैं, उनमें से कई को अब तक फौरी मदद भी नहीं मिल पाई। कंगना ने कहा कि वह मुख्यमंत्री को इस बारे में पत्र लिखेंगी और ब्यास नदी के तटीकरण से जुड़े मुद्दे को केंद्र में उठाकर इसके लिए अलग प्रोजेक्ट की मांग करेंगी।
इस दौरान पूर्व मंत्री गोविंद ठाकुर भी उनके साथ मौजूद रहे।