सीतापुर/रामपुर। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां की जेल से रिहाई एक बार फिर अधर में लटक गई है। हाईकोर्ट से डूंगरपुर और क्वालिटी बार केस में जमानत मिलने के बाद उनके बाहर आने की उम्मीद जगी थी, लेकिन रामपुर की अदालत ने शत्रु संपत्ति प्रकरण में उन पर नई धाराएं जोड़ दी हैं। अब इन धाराओं में भी जमानत मिलने के बाद ही उनकी रिहाई संभव हो सकेगी।
आजम खां को अक्टूबर 2023 में बेटे अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाणपत्र के मामले में दोषी ठहराया गया था। इस मामले में उनकी पत्नी डॉ. तजीन फातिमा और बेटे को भी सजा सुनाई गई थी। तीनों को अलग-अलग जेलों में भेजा गया, आजम को सीतापुर, उनकी पत्नी को रामपुर और बेटे को हरदोई। हालांकि इस प्रकरण में बाद में जमानत मिल गई।
इसके बावजूद, डूंगरपुर जमीन विवाद में 10 साल की सजा के चलते आजम जेल में ही रहे। हाल ही में हाईकोर्ट ने उन्हें इस मामले समेत क्वालिटी बार प्रकरण में भी राहत दी। लेकिन राहत के उसी दिन रामपुर सिविल लाइंस थाने में दर्ज शत्रु संपत्ति केस में धारा 467, 471 और 201 जोड़ दी गईं। पुलिस अधीक्षक विद्या सागर मिश्र ने बताया कि अब इन धाराओं में जमानत कराए बिना रिहाई संभव नहीं होगी।
अन्य मामलों की भी सुनवाई जारी
आजम खां के खिलाफ पालिका की सफाई मशीन जौहर यूनिवर्सिटी परिसर में मिलने का मामला भी अदालत में लंबित है। गुरुवार को इस पर सुनवाई तय थी, लेकिन बचाव पक्ष की ओर से डिस्चार्ज प्रार्थना पत्र दाखिल किए जाने पर अगली तारीख 7 अक्टूबर तय कर दी गई। वहीं, यतीमखाना प्रकरण में सुनवाई अब 23 सितंबर को होगी।