फर्जी हस्ताक्षर मामले में उमर अंसारी को हाईकोर्ट से राहत, मिली जमानत

प्रयागराज। पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अदालत ने उन पर लगे फर्जी हस्ताक्षर कर जमीन छुड़ाने के आरोपों से जुड़े मामले में उनकी जमानत याचिका मंजूर कर ली है।

गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद थाने में उमर अंसारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। आरोप है कि उन्होंने गैंगस्टर एक्ट के तहत जब्त की गई संपत्ति को छुड़ाने के लिए अपनी मां अफ्शां अंसारी के नाम से जालसाजी कर दस्तावेज पेश किए थे। पुलिस ने उन्हें 4 अगस्त को लखनऊ के दारूलशफा स्थित विधायक निवास से गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वे जेल में बंद थे।

निचली अदालत ने खारिज की थी अर्जी
इससे पहले गाजीपुर की एडीजे कोर्ट ने उमर की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। इसके खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट में अपील की थी। न्यायमूर्ति गौतम चौधरी की एकल पीठ ने अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय की दलीलों पर सुनवाई के बाद उमर को जमानत देने का आदेश दिया।

10 करोड़ से अधिक मूल्य की जमीन पर विवाद
मामला गाजीपुर की सदर कोतवाली क्षेत्र के बल्लभ देवढ़ी दास मोहल्ले की उस संपत्ति से जुड़ा है, जिसकी कीमत 10 करोड़ रुपये से अधिक बताई जाती है। वर्ष 2021 में इसे जिला प्रशासन ने कुर्क किया था। जांच में पाया गया कि इसे मुक्त कराने के लिए अदालत में जमा दस्तावेजों पर किए गए हस्ताक्षर असली नहीं थे।

पुलिस का कहना है कि वकालतनामा अफ्शां अंसारी के नाम पर दाखिल किया गया था, जबकि वे लंबे समय से फरार हैं। अफ्शां अंसारी पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित है। इसी पृष्ठभूमि में मोहम्मदाबाद थानाध्यक्ष की ओर से उमर अंसारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी।

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