नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने खुलासा किया है कि हाल ही में संचालित ऑपरेशन सिंदूर में रूस निर्मित लंबी दूरी की मिसाइल प्रणाली एस-400 ने निर्णायक भूमिका निभाई। उनका कहना है कि इस उन्नत रडार और मिसाइल सिस्टम के चलते दुश्मन के लड़ाकू विमान अपने ही हवाई क्षेत्र में सुरक्षित नहीं रह पाए।
एयर चीफ मार्शल सिंह ने कहा, “एस-400 की मारक क्षमता दुश्मन के हथियारों की पहुंच से कहीं अधिक थी। इसी कारण वे हमारे एयर डिफेंस रेंज तक नहीं पहुंच पाए। जो विमान आगे बढ़े, उन्हें भारी क्षति उठानी पड़ी। यह हमारे लिए एक गेम चेंजर साबित हुआ।” उन्होंने बताया कि ऑपरेशन के दौरान भारतीय वायुसेना की रणनीति इतनी प्रभावी रही कि विरोधी पक्ष अपने ही क्षेत्र में विमान उड़ाने से हिचकने लगा, जिससे भारत को निर्णायक बढ़त मिली।
सीडीएस ने साझा किया था ऑपरेशन का अहम पहलू
इससे एक दिन पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने बताया था कि पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई 7 मई की रात 1 से 1:30 बजे के बीच की गई। उन्होंने कहा कि समय चुनने की दो प्रमुख वजह थीं—पहली, भारतीय सेना का अपनी तकनीकी और खुफिया क्षमताओं पर पूरा भरोसा, और दूसरी, निर्दोष नागरिकों की सुरक्षा। उन्होंने कहा कि अंधेरे में हमला कर आतंकियों को निशाना बनाया गया, जिससे नागरिकों को नुकसान से बचाया जा सका।
पाकिस्तान पर भारत की सख्त जवाबी कार्रवाई
जानकारी के मुताबिक, पहलगाम आतंकी हमले के बाद शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया। भारतीय सेना ने दुश्मन के हमलों को नाकाम करते हुए कई महत्वपूर्ण एयरबेस तबाह कर दिए। इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान को संघर्षविराम की गुहार लगानी पड़ी, जो भारत की रणनीतिक सफलता का स्पष्ट संकेत माना जा रहा है।