नई दिल्ली। कांग्रेस नेता और ओवरसीज़ विभाग प्रमुख सैम पित्रोदा के बयान ने फिर से राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। पित्रोदा ने कहा कि उनके कथन को संदर्भ से हटाकर पेश किया गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य केवल भारतीय उपमहाद्वीप के साझा इतिहास और लोगों के आपसी संबंधों पर ध्यान आकर्षित करना था, न कि आतंकवाद, संघर्ष या भू-राजनीतिक तनावों को नजरअंदाज करना।
बीजेपी ने कांग्रेस पर साधा निशाना
बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पाकिस्तान को घर जैसा बताने वाले पित्रोदा के बयान पर भाजपा हमलावर हो गई। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा कि गांधी-वाद्रा परिवार की मानसिकता भारत की संप्रभुता के खिलाफ है और उन्होंने पित्रोदा से देश के वीर सैनिकों से माफी की मांग की। भंडारी ने सवाल उठाया कि क्या कोई देशभक्त पाकिस्तान को अपना घर मान सकता है और क्या ऐसे लोग भारत की सुरक्षा और लोकतंत्र की रक्षा कर सकते हैं।
विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया
इस मामले में कांग्रेस के मीडिया सेल प्रमुख पवन खेड़ा ने पित्रोदा के बयान का हवाला देने से इंकार किया। वहीं, सपा के पूर्व सांसद एसटी हसन ने बयान का बचाव करते हुए भारत-पाकिस्तान संबंधों की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि का जिक्र किया। इसके अलावा, अधिकांश आईएनडीआईए गठबंधन दलों ने पित्रोदा के बयान से दूरी बनाए रखना ही उचित समझा।
सैम पित्रोदा और विवादों का पुराना नाता
पित्रोदा का विवादित बयानों से पुराना नाता रहा है। 2019 में उन्होंने 1984 के सिख विरोधी दंगों पर टिप्पणी की थी और 2024 में पूर्वोत्तर, दक्षिण और पश्चिम भारत के लोगों के नस्लीय संबंधों पर बयान देकर कांग्रेस को आलोचनाओं के घेरे में लाया था। कांग्रेस ने कई बार आधिकारिक रूप से इन बयानों से खुद को अलग किया है।