लखनऊ। कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के हालिया बयान को लेकर लखनऊ की एक अदालत में अधिवक्ता नृपेंद्र पांडेय ने परिवाद दाखिल किया है। अधिवक्ता का आरोप है कि राहुल गांधी का बयान “इंडियन स्टेट से लड़ाई” राष्ट्रद्रोह के दायरे में आता है और भारत की एकता, अखंडता व संवैधानिक संस्थाओं के खिलाफ सुनियोजित षड़यंत्र का हिस्सा है।
परिवाद में यह भी कहा गया है कि बयान का समर्थन करने वाले अन्य कांग्रेस नेता भी उतने ही दोषी हैं। अधिवक्ता ने अदालत से अनुरोध किया है कि राहुल गांधी समेत शीर्ष कांग्रेस नेताओं को भारतीय दंड संहिता 2023 की देशद्रोह और षड्यंत्र से संबंधित धाराओं में दंडित किया जाए।
राहुल गांधी ने कांग्रेस मुख्यालय के उद्घाटन समारोह में कहा था, “वी आर नाउ फाइटिंग द बीजेपी, द आरएसएस एंड द इंडियन स्टेट इटसेल्फ।” इस बयान के बाद बीजेपी और एनडीए के घटक दलों ने इसका कड़ा विरोध किया है, जबकि कांग्रेस और उनके सहयोगी इसका समर्थन कर रहे हैं।
अधिवक्ता पांडेय ने बयान को “राष्ट्र की संप्रभुता और अखंडता को खंडित करने वाला” बताते हुए कहा कि इससे देश में गृहयुद्ध जैसी स्थिति पैदा होने का खतरा है।