नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अचानक H-1B वीजा शुल्क में बड़ा बदलाव करते हुए इसे 1,00,000 डॉलर (करीब 88 लाख रुपये) कर दिया है। यह नई फीस 21 सितंबर से लागू होगी। इस फैसले का सबसे अधिक असर भारतीय वीजा धारकों पर पड़ा है, क्योंकि H-1B वीजा धारकों में लगभग 70% लोग भारत से हैं।
फीस बढ़ोतरी की घोषणा के बाद हवाई अड्डों पर अफरा-तफरी मच गई। अमेरिका से बाहर मौजूद कई भारतीय आईटी पेशेवर अपनी यात्रा बीच में ही रोककर लौटने लगे। वहीं अमेरिका जाने वाले यात्रियों ने अपनी फ्लाइट रद्द कर दी। दिल्ली से न्यूयॉर्क जाने वाले टिकटों की कीमत कुछ ही घंटों में 37,000 रुपये से बढ़कर 70-80 हजार रुपये तक पहुंच गई। कुछ यात्रियों ने सोशल मीडिया पर बताया कि अब दिल्ली-न्यूयॉर्क की उड़ान का किराया 4,500 डॉलर (लगभग 3.7 लाख रुपये) हो गया है।
नई नीति के अनुसार, H-1B वीजा धारकों को 21 सितंबर की रात 12:01 बजे EDT (भारतीय समयानुसार सुबह 9:31) तक अमेरिका में प्रवेश करना अनिवार्य है। इसके बाद ही वे अमेरिका जा सकेंगे, बशर्ते 1 लाख डॉलर की नई फीस का भुगतान कर दें।
ट्रंप के इस फैसले के बाद अमेज़न, माइक्रोसॉफ्ट और जेपी मॉर्गन जैसी बड़ी कंपनियों ने अपने H-1B कर्मचारियों को अमेरिका न छोड़ने की सलाह दी है। विदेश में फंसे कर्मचारियों को तुरंत वापस लौटने के निर्देश दिए गए हैं।
सैन फ्रांसिस्को एयरपोर्ट पर भी हड़कंप मचा। कई यात्रियों ने डर के कारण विमान से उतरने का फैसला किया। इसी तरह दुबई से मुंबई आ रही फ्लाइट में 10-15 H-1B वीजा धारक यात्रियों ने 20 मिनट के भीतर ही विमान से उतर गए। इस अचानक फैसले ने H-1B वीजा धारकों और उनके परिवारों में घबराहट और भ्रम का माहौल पैदा कर दिया है।