प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए सोमवार से लागू होने वाले जीएसटी सुधारों को ऐतिहासिक बताते हुए इसकी व्यापक जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इससे आम लोगों और कारोबारियों दोनों को राहत मिलेगी। हालांकि, कांग्रेस ने इसे लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि पीएम मोदी ने पूरे सुधार का श्रेय खुद ले लिया।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी पर व्यंग्य करते हुए कहा, “900 चूहे खाकर बिल्ली हज को चली।” उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने 2017 में ‘सरल जीएसटी’ की जगह नौ स्लैब वाला ‘गब्बर सिंह टैक्स’ लागू किया और अब तक ₹55 लाख करोड़ की वसूली कर चुकी है। खरगे ने कहा कि सरकार जरूरी वस्तुओं—दाल, चावल, किताबें, दवाइयां, पेंसिल, ट्रैक्टर—पर टैक्स लगाने के लिए जनता से माफी मांगे। उन्होंने पीएम मोदी द्वारा ₹2.5 लाख करोड़ के ‘बचत उत्सव’ की घोषणा को “गहरे जख्म पर बैंड-एड लगाने जैसा कदम” बताया।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी प्रधानमंत्री को आड़े हाथों लिया। उनका कहना था कि पीएम मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए उन संशोधनों का श्रेय खुद ले लिया जो असल में जीएसटी काउंसिल—एक संवैधानिक संस्था—के निर्णय थे। रमेश ने याद दिलाया कि कांग्रेस 2017 से जीएसटी 2.0 की मांग करती आ रही है और इसे 2024 के अपने चुनावी घोषणापत्र में भी शामिल किया था। उन्होंने सवाल उठाया कि आठ साल की देरी से लाए गए ये सुधार क्या सच में निजी निवेश और जीडीपी वृद्धि में मदद करेंगे? साथ ही उन्होंने चीन के साथ बढ़ते व्यापार घाटे और विदेशी बाजारों की ओर पलायन कर रहे भारतीय कारोबारियों का मुद्दा भी उठाया।
कांग्रेस ने विशेष रूप से लघु एवं मध्यम उद्योगों की समस्याओं पर जोर दिया और राज्यों के लिए जीएसटी मुआवजा पांच साल तक बढ़ाने की मांग दोहराई। पार्टी का कहना है कि पर्यटन, कपड़ा, कृषि, हस्तशिल्प और निर्यात जैसे क्षेत्रों की समस्याओं का समाधान अभी बाकी है। साथ ही, बिजली, पेट्रोलियम, शराब और रियल एस्टेट को भी राज्य स्तरीय जीएसटी के दायरे में लाने का सुझाव दिया गया है।
उधर, प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को नवरात्रि के पहले दिन से ‘जीएसटी बचत उत्सव’ शुरू करने की घोषणा की थी। उन्होंने इसे “इनकम टैक्स छूट के साथ डबल बोनस” करार देते हुए कहा था कि यह कदम न केवल आम लोगों को फायदा पहुंचाएगा, बल्कि कारोबार और निवेश के माहौल को भी मजबूत करेगा।