यूपी में टीईटी विरोध: शिक्षक दिखाएंगे एकजुटता, काली पट्टी पहनकर करेंगे शिक्षण

टीईटी (टीचिंग एलिजिबिलिटी टेस्ट) को अनिवार्य किए जाने के बाद शिक्षक संगठनों ने एनसीटीई नियमावली में बदलाव की मांग करते हुए आंदोलन के दूसरे चरण की घोषणा कर दी है। अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने इस आंदोलन की शुरुआत नवरात्र के पहले दिन सोमवार से करने की योजना बनाई है।

संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुशील कुमार पांडेय ने बताया कि 22 सितंबर से 15 अक्टूबर तक शिक्षक काली पट्टी बांधकर पढ़ाई करेंगे और इस दौरान सभी जिलों में हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा। अभियान के तहत एक ज्ञापन सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और केंद्रीय शिक्षा मंत्री को ईमेल के माध्यम से भेजा जाएगा। पांडेय ने कहा कि देश भर के शिक्षक टीईटी की अनिवार्यता से मुक्त करने और 2017 की एनसीटीई नियमावली में संशोधन की मांग करेंगे। अगर इन मांगों पर कोई राहत नहीं मिली तो आगे आंदोलन बढ़ाया जाएगा।

नई शिक्षक भर्ती को लेकर युवाओं में नाराजगी
वहीं, नई प्राथमिक शिक्षक भर्ती का इंतजार कर रहे युवाओं में नाराजगी बढ़ रही है। डीएलएड मोर्चा ने जल्द नई भर्ती प्रक्रिया शुरू करने और ऐसा न होने पर शिक्षा सेवा चयन आयोग की अध्यक्ष कीर्ति पांडेय से इस्तीफा देने की मांग की है। मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष विशु यादव ने चेतावनी दी कि यदि अगले सात दिनों में भर्ती अधिसूचना नहीं आई तो युवा आंदोलन करेंगे और मामले को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचाएंगे।

यह आंदोलन टीईटी की अनिवार्यता और नई भर्ती प्रक्रिया दोनों मुद्दों को लेकर शिक्षक और युवाओं की बढ़ती चिंता को दर्शाता है।

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