संयुक्त राष्ट्र महासभा में फिलिस्तीन को मान्यता देने की चर्चा के मद्देनजर इज़राइली सेना ने गाजा शहर के जॉर्डन अस्पताल को खाली कराया है। वहीं, इटली के यूनियनों ने गाजा के लोगों के प्रति एकजुटता दिखाते हुए 24 घंटे की हड़ताल का एलान किया, जिसके तहत इटली से इज़राइल जा रही विस्फोटक सामग्री की खेप को रोक दिया गया।
गाजा में स्थिति गंभीर
दो वर्षों से युद्ध की परिस्थितियों में फंसा गाजा इज़राइली हमलों के कारण खंडहर में तब्दील हो चुका है। क्षेत्र में अकाल भी बढ़ता जा रहा है। फिलिस्तीनी अधिकारियों के अनुसार, सेना ने गाजा शहर में सभी नागरिकों को दक्षिण और मध्य गाजा पट्टी की ओर जाने का आदेश दिया है। अस्पतालों और मानवीय सहायता केंद्रों को छोड़कर अन्य सभी स्थान खाली कराने को कहा गया। गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के महानिदेशक डॉ. मुनीर अल-बुश के अनुसार, जॉर्डन अस्पताल में कम से कम 300 मरीज और उनके परिवार के सदस्य तथा चिकित्सा कर्मचारी मौजूद हैं।
पेरिस के एफिल टावर पर प्रदर्शन
फ्रांस ने फिलिस्तीन को मान्यता देने से पहले पेरिस के एफिल टावर पर बड़ी स्क्रीन पर फिलिस्तीनी और इज़राइली झंडे दिखाए और एक कबूतर के साथ जैतून की शाखा प्रदर्शित की गई। पेरिस की मेयर ऐनी हिडाल्गो ने कहा कि यह पहल राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की रणनीति का समर्थन दर्शाती है। हिडाल्गो ने शांति और दो-राज्य समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया और सभी प्रभावित नागरिकों के प्रति एकजुटता जताई।
इटली में समर्थन और हथियार रोके गए
इटली की यूनियनों ने गाजा के लोगों के समर्थन में 24 घंटे की हड़ताल का आह्वान किया। इससे सार्वजनिक परिवहन, रेलगाड़ियां, स्कूल और बंदरगाह प्रभावित होंगे। यूनियनों ने इटली और यूरोपीय संघ की निष्क्रियता की आलोचना की। इसके अलावा, रवेना बंदरगाह ने स्थानीय अधिकारियों के अनुरोध पर इज़राइल को जा रही दो कंटेनरों में विस्फोटक रोके। रवेना के मेयर एलेसांद्रो बाराटोनी ने सरकार से आग्रह किया कि इटली से इज़राइल को हथियारों की आपूर्ति न की जाए।