न्यूयॉर्क। संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 80वें सत्र के दौरान सोमवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से बातचीत की। यह इस वर्ष दोनों नेताओं की तीसरी मुलाकात थी। इससे पहले वे जनवरी और जुलाई में भी आमने-सामने मिल चुके हैं।
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में H-1B वीज़ा और व्यापारिक मुद्दों पर विशेष रूप से चर्चा हुई। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H-1B वीज़ा का आवेदन शुल्क बढ़ाकर 1 लाख डॉलर कर दिया था, जिससे भारतीय आईटी क्षेत्र और पेशेवरों में चिंता बढ़ गई है। साथ ही, अगस्त से अमेरिका द्वारा भारतीय उत्पादों पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने से द्विपक्षीय व्यापार पर असर पड़ा है।
व्यापार समझौते पर बातचीत जारी
तनाव के बावजूद दोनों देश आर्थिक संबंधों को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के साथ व्यापार समझौते पर चर्चा कर रहे हैं। इसके साथ ही, द्विपक्षीय निवेश संधि (Bilateral Investment Treaty) पर भी वार्ता हो रही है, ताकि दोनों देशों के निवेश माहौल को और सुरक्षित बनाया जा सके।
रणनीतिक साझेदारी पर फोकस
जयशंकर और रुबियो की बातचीत को रिश्तों में सकारात्मक संकेत माना जा रहा है। दोनों देशों की प्राथमिकता व्यापार, निवेश और कुशल कामगारों की आवाजाही को आसान बनाना है। अमेरिकी विदेश मंत्री रुबियो ने कहा कि भारत इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अहम भूमिका निभाता है और अमेरिका के लिए रणनीतिक साझेदार है।
उधर, राष्ट्रपति ट्रंप ने भरोसा जताया कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता करने में कोई बड़ी कठिनाई नहीं आएगी। हाल ही में उन्होंने सर्जियो गोर को भारत में नया अमेरिकी राजदूत नियुक्त किया है। विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम अमेरिका की भारत को दी जा रही प्राथमिकता को दर्शाता है।