नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद और पूर्व विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर ने अमेरिका की हालिया नीतियों को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने भारत पर लगाए गए टैरिफ, एच-1बी वीजा फीस वृद्धि और पाकिस्तान-सऊदी अरब के रक्षा समझौते पर अपनी चिंता जताई।
भारत पर अमेरिकी टैरिफ को कहा अन्यायपूर्ण
शशि थरूर ने कहा कि भारत पर लगाए गए टैरिफ अनुचित हैं। उनका कहना था कि पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप मानते थे कि टैरिफ अमेरिका की समस्याओं का समाधान हैं। “टैरिफ महंगे होने से अमेरिकी कंपनियां अपने देश में उत्पादन करेंगी और अमेरिकी मजदूरों को रोजगार मिलेगा। लेकिन इस फैसले से भारत में नाराजगी बढ़ी है और ट्रंप व उनके सलाहकारों के बयान आपत्तिजनक हैं।”
उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल अमेरिका में चल रही वार्ता के जरिए 25 प्रतिशत टैरिफ को 15-19 प्रतिशत तक कम करा सकते हैं, हालांकि उच्च दर राजनीतिक कारणों से अभी बनी हुई है।
एच-1बी वीजा शुल्क पर तीखी प्रतिक्रिया
थरूर ने कहा कि अमेरिका में एच-1बी वीजा का शुल्क 1 लाख डॉलर करना घरेलू राजनीति से प्रेरित है। उनका कहना था कि इससे केवल अत्यावश्यक लोग ही अमेरिका जा पाएंगे, जबकि कई कंपनियां सीधे आउटसोर्सिंग का रास्ता अपनाएंगी।
अमेरिका-पाकिस्तान नजदीकी पर चिंता
थरूर ने कहा कि पाकिस्तान अमेरिका का पुराना सहयोगी रहा है। आईएसआई की स्थापना में भी अमेरिकी मदद रही है। आतंकवादी गतिविधियों में अमेरिका सीधे नहीं, बल्कि पाकिस्तान सरकार और सेना प्रभावित होती है।
पाकिस्तान-सऊदी रक्षा समझौता
शशि थरूर ने कहा कि यह समझौता नया नहीं, बल्कि पुराने व्यवस्था का औपचारिक रूप है। समझौते में कहा गया है कि किसी पर हमला दोनों पर हमला माना जाएगा। उन्होंने कहा कि भारतीय कूटनीति इसे ध्यान से संभाल रही होगी और भारत को व्यापक दृष्टिकोण रखना चाहिए।
थरूर के बयान अमेरिका की व्यापारिक नीतियों, वीजा नियमों और क्षेत्रीय सुरक्षा पर भारत की सतर्कता को उजागर करते हैं।