भारत अपनी हवाई रक्षा क्षमता को और सशक्त बनाने की दिशा में अहम कदम बढ़ा रहा है। प्रस्तावित ‘सुदर्शन चक्र’ एयर डिफेंस सिस्टम को आधुनिक खतरों जैसे ड्रोन और हाइपरसोनिक हथियारों से निपटने के लिए तैयार किया जा रहा है और इसे भविष्य का सबसे व्यापक सुरक्षा कवच बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
चीफ ऑफ इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ (CISC) एयर मार्शल अशुतोष दीक्षित ने मंगलवार को ‘काउंटर यूएवीज एंड एयर डिफेंस सिस्टम्स: फ्यूचर ऑफ मॉडर्न वॉरफेयर’ सम्मेलन में बताया कि यह प्रणाली बहुस्तरीय सुरक्षा प्रदान करेगी। मिशन ‘सुदर्शन चक्र’ में काउंटर-ड्रोन, काउंटर-यूएवी और काउंटर-हाइपरसोनिक क्षमताओं को एकीकृत किया जाएगा।
एयर मार्शल दीक्षित ने कहा कि युद्ध अब शतरंज की तरह है, जिसमें दुश्मन से हमेशा दो कदम आगे रहना जरूरी है। उन्होंने अजरबैजान-अर्मेनिया संघर्ष और रूस-यूक्रेन युद्ध का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे सस्ते ड्रोन महंगे सैन्य उपकरणों को भी बड़े नुकसान पहुंचा सकते हैं।
उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए बताया कि पकड़े गए ड्रोन अत्याधुनिक तकनीक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से लैस थे, जो भविष्य की लड़ाइयों में बड़ी चुनौती बन सकते हैं।
आर्थिक पहलुओं पर बात करते हुए एयर मार्शल दीक्षित ने कहा कि देश को युद्ध जीतने के लिए दिवालिया नहीं किया जा सकता। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत की आवश्यकता पर जोर देते हुए बताया कि काउंटर-ड्रोन सिस्टम में ‘सॉफ्ट किल’ और ‘हार्ड किल’ क्षमताएं शामिल होंगी। यह देश की ताकत को बढ़ाएगा और पूरी दुनिया में भारत की सैन्य शक्ति को मान्यता दिलाएगा।