गजराैला में बेस्ट क्रॉप साइंस लिमिटेड की फैक्टरी से हुए जहरीले गैस रिसाव के बाद हालात नियंत्रण में लाने के लिए एनडीआरएफ की टीम को पांच घंटे का समय लगा। अधिकारियों और कर्मचारियों ने फैक्टरी में रातभर ही स्थिति का जायजा लिया।
सूचना मिलने के बावजूद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) की टीम फैक्टरी पहुंचने में 15 घंटे तक विलंब कर गई। यह फैक्टरी औद्योगिक क्षेत्र में रेलवे लाइन के पास स्थित है और यहां खेती में इस्तेमाल होने वाली कीटनाशक दवाइयां बनाई जाती हैं। फैक्टरी के वेयरहाउस में सोमवार रात लगभग 50 टन कच्चा माल रखा गया था, जिससे पेस्टीसाइड तैयार किया जाता है।
फैक्टरी के प्रशासनिक अधिकारी सुबोध कुमार गुप्ता ने बताया कि वेयरहाउस में रखे कच्चे माल में CO-2 और NO-2 का एक दूसरे के संपर्क में आने से रात लगभग आठ बजे धुआं उठना शुरू हुआ। कुछ ही देर में यह धुआं पूरे इलाके में फैल गया, जिससे आसमान में घना कोहरा छा गया। अल्लीपुर भूड़, तिगरिया भूड़, लक्ष्मी नगर, नाईपुरा, हसनपुर मार्ग और आसपास के गांवों जैसे छोया, लिसड़ी बुजुर्ग, सिहाली जागीर में भी धुंध फैल गई।
धुंध के कारण लोगों को सांस लेने में कठिनाई हुई और आंखों में जलन बढ़ गई, जिससे लोग घरों से बाहर निकल आए। रात 11 बजे एसडीएम विभा श्रीवास्तव, सीओ अंजलि कटारिया, एडीएम वित्त एवं राजस्व और ईओ ललित कुमार आर्य मौके पर पहुंचे। हालात देख एसडीएम ने पीसीबी को सूचित किया। दमकलकर्मी भी तुरंत मौके पर पहुंचे, लेकिन पीसीबी की टीम फैक्टरी में दोपहर तक नहीं पहुंची।
रात करीब 1 बजे एनडीआरएफ की टीम फैक्टरी में पहुंची और गैस रिसाव पर काबू पाने का काम शुरू किया। टीम ने तड़के करीब 5 बजे तक स्थिति नियंत्रण में ला दी। इस बीच अधिकारियों ने फैक्टरी के वेयरहाउस को हाइड्रा की मदद से तोड़ने के निर्देश दिए, क्योंकि रिसाव इतना गंभीर था कि फैक्टरी के कर्मचारियों की भी तबीयत बिगड़ गई थी।
दोपहर में पीसीबी की टीम ने फैक्टरी का निरीक्षण किया और गैस रिसाव के कारणों की जानकारी जुटाई।