किसानों की जमीन के पीछे पड़ी है सरकार: राकेश टिकैत

बरेली में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने मंगलवार को केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला और किसानों से अपनी जमीन बचाने का आग्रह किया। टिकैत ने कहा कि सरकार किसानों की जमीन पर लगातार नजर रखे हुए है और उसे खतरे से बचाना जरूरी है।

नेहरू युवा केंद्र पार्क में आयोजित किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए टिकैत ने कहा कि सरकार की नीतियां किसानों के हित के खिलाफ हैं। उन्होंने किसानों को चेताया कि सरकार उन्हें खेती में नुकसान पहुंचाकर अपनी जमीन बेचने पर मजबूर करना चाहती है। टिकैत ने कहा, “दिल्ली की कलम बेईमान है, जो किसान का भाव तय करती है। इसलिए किसानों को सतर्क रहना होगा।”

किसानों की एकजुटता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि किसानों पर फर्जी मुकदमे लगाए जा रहे हैं और फसलों के उचित दाम नहीं मिल रहे। उन्होंने स्वामीनाथ कमेटी की ‘टू-प्लस फिफ्टी’ रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि उस पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही। टिकैत ने सवाल उठाया कि क्या किसानों की जमीन लेकर उस पर हाईवे बनाने से देश वास्तव में विकसित होगा।

इसके अलावा उन्होंने गोवंश के संबंध में भी आलोचना की। टिकैत ने कहा कि गोशालाओं के नाम पर चंदा लिया जा रहा है और व्यापारियों को जमीन दी गई है, जहां वे गाय पालने के बजाय व्यवसाय कर रहे हैं।

बिहार के धान मूल्य और मंडियों में बिक्री को लेकर भी टिकैत ने सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि बिहार का धान 800 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से मंडियों में बिक रहा है, जबकि उत्पादन सीमित है, और जब स्थानीय क्षेत्र में धान खत्म हो जाता है तब भी एमएसपी पर धान की खरीद जारी रहती है।

पत्रकारों के सवालों के जवाब में टिकैत ने कहा कि किसानों में जल्द ही वैचारिक क्रांति देखने को मिलेगी। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोपों का समर्थन भी किया और कहा कि यह समस्या 2013 से जारी है।

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